इस्लामाबाद, 21 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि उत्तर-पश्चिमी खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में बाचा विश्वविद्यालय पर किए गए हमले में किसका हाथ है, यह बताना अभी जल्दीबाजी होगी।
विदेश विभाग के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने कहा, “जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक कोई निष्कर्ष निकालना जल्दीबाजी होगी कि चारसड्डा विश्वविद्यालय पर हमले के पीछे किसका हाथ है।”
खलीलुल्लाह ने कहा कि शुरुआती जांच से यह पता चला है कि हमलावर अफगानिस्तान में अपने आकाओं से संपर्क में थे।
उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद एक बार फिर काबुल से अपनी उस मांग को दोहराएगा जिसमें तहरीके तालिबान पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी। अफगानिस्तान में चल रहे इस संगठन के लड़ाकू पाकिस्तान में दशहतगर्दी फैलाते हैं।
प्रांतीय सरकार द्वारा चलाए जा रहे बाचा खान विश्वविद्यालय पर हुए आतंकवादी हमले के बारे में इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असीम सालिम बाजवा ने बुधवार को कहा कि हमलावार हमले के दौरान अफगानिस्तान के अपने आकाओं से संपर्क में थे।
सेना के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि हमलावर हमले के दौरान फोन पर अफगानिस्तान में अपने आकाओं से संपर्क पर थे। उन्होंने कहा कि फोन में प्रयोग किया गया सिमकार्ड अफगानिस्तान का था। यहां तक कि हमलावरों के मौत के बाद भी उनके मोबाइल पर कॉल आ रही थी।
इस विश्वविद्यालय पर चार आतंकवादियों ने मशीनगन, बंदूकों और हथगोलों से हमला किया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ये हमलावर विश्वविद्यालय परिसर की पिछली दीवार फांदकर दाखिल हुए थे। उसके बाद वे कुलपति के गेस्ट हाउस में गए थे।
इस हमले के दौरान कम से कम 21 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर छात्र हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली है। लेकिन इस समूह के भगोड़े प्रमुख ने इसमें हाथ होने से इंकार किया है।