यही नहीं, अगले सप्ताह नैरोबी में में होने वाली विश्व व्यापार संगठन की मंत्री स्तरीय बैठक पर नजर रखने के लिए भाकियू का एक प्रतिनिधिमंडल 14 दिसंबर को पार्टी प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में केन्या जाएगा।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रदेश मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर नैरोबी में अगले सप्ताह में विश्व व्यापार संगठन की 10वीं मंत्री स्तरीय बैठक में किसानों की आशंकाओं का जिक्र किया है। साथ ही आग्रह किया कि वह किसानों की आशंकाओं से केंद्र सरकार को अवगत कराएं और किसान हितों पर समझौता न किए जाने का दबाव बनाएं।
प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से मिलकर किसानों का पक्ष करने की इच्छा जताई है। पत्र में कहा गया है कि नैरोबी में होने जा रही बैठक बहुत ही गंभीर स्थिति में हैं। भारत और सभी विकासशील देशों को विकसित देश जैसे अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया से धमकी मिल रही है। इस वार्ता में भारत बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा कि विकसित देश दोहा राउंड को समाप्त कर नए मुद्दे रखना चाहता है, जिससे तीसरी दुनिया के किसान खतरे में है। दोहा राउंड के अंदर तीसरी दुनिया के देशों को सरकारी खरीद करना, आयात पर ड्यूटी लगाना, दोहा राउंड लागू करने के लिए समय, बाहर सामान भेजे जाने आदि जैसी छूट समाप्त हो जाएगी, जिससे किसान सबसे अधिक प्रभावित होगा।
प्रवक्ता ने कहा कि अगर इस वार्ता में मल्टीलेटर्ल एग्रीमेंट ऑन इन्वेस्टमेंट विश्व व्यापार संगठन के तहत होता है तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को भारत कैसे पूरा करेगा। मल्टीलेटर्ल एग्रीमेंट ऑन गवर्नमेंट खरीद से किसानों के समर्थन मूल्य पर भारी खतरा है। सरकारी खरीद पर भी बंदिशें लगेंगी।
उन्होंने कहा कि देश के किसान वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन के बयान से संतुष्ट नहीं हैं। भारत सरकार को इस वार्ता से प्रभावित किसानों, गरीबों, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए सभी के हितों को सुरक्षित रखना चाहिए। भारत को किसी भी ऐसे दबाव में नही आना चाहिए जो गांव, गरीब और किसान को प्रभावित करता हो।