नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा कि देश में आजादी मिलने के बाद से कुछ नहीं करने वाले आरक्षण के मुद्दे पर झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आती है, वे आरक्षण के मुद्दे पर झूठ फैलाने में लग जाते हैं।
यहां बी.आर.अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक के लिए आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा, “जिन्होंने 60 साल तक कुछ नहीं किया, वे अक्सर झूठ फैलाते हैं।”
मोदी ने कहा, “मुझे याद है, जब (अटल बिहारी) वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे तब कहा गया था कि आरक्षण अब गया। वाजपेयी दो बार प्रधानमंत्री बने लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। लेकिन, तब भी झूठी बातें फैलाई गईं।”
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और गुजरात में भाजपा कई साल से सत्ता में है, लेकिन दलितों और जनजातियों के आरक्षण को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। फिर भी, लोगों को भ्रमित करने के लिए झूठ फैलाए जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गलतफहमियों का यह क्रम उन लोगों द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है, जो आरक्षण के मुद्दे पर केवल राजनीति खेलना चाहते हैं।
इस बीच, पटना से खबर है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा’ के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने देश में आरक्षण को लेकर छिड़ी बहस और तमाम आशंकाओं के बीच सोमवार को आरक्षण की समीक्षा किए जाने की वकालत की। साथ ही घोषणा की कि वह अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में आरक्षण की सुविधा नहीं लेंगे और सामान्य सीट से चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा के सहयोगी व महादलित जाति से संबंध रखने वाले मांझी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। इसकी समीक्षा नहीं हो पाने की वजह से जरूरतमंद लोगों का एक बड़ा हिस्सा आरक्षण के लाभ से वंचित है।
मोदी ने अंबेडकर की प्रशंसा करते हुए उनकी तुलना अमेरिका के मानवाधिकार कार्यकर्ता दिवंगत मार्टिन लूथर किंग जूनियर से की।
उन्होंने कहा कि यह बात साबित हो गई है कि चाहे केंद्र में भाजपा की सरकारें रहीं हो या विभिन्न राज्यों में भाजपा की सरकारें हों, इन्होंने हमेशा बी.आर.अंबेडकर की सीख तथा उनके मूल्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश की है।
मोदी ने अंबेडकर को ‘विश्व मानव’ बताते हुए कहा, “हमारे बारे में गलतफहमियां अब भी हैं, लेकिन सच यह है कि भाजपा में हमने अंबेडकर को हमेशा सर्वाधिक सम्मान दिया।”
सत्तारूढ़ भाजपा और मोदी पर हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा मौजूदा आरक्षण नीति को कमजोर करने के लिए डाले जा रहे कथित ‘दबाव’ को लेकर हमले हो रहे हैं।
भाजपा ने रविवार को दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक के बाद दलितों तक पहुंचने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश के 18,000 गांवों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कर अंबेडकर के सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “जब आपको इन गांवों में बिजली मिले तो इसका श्रेय मोदी को न दें, बल्कि अंबेडकर को दें।”
मोदी ने गरीब तथा मध्यम वर्गीय लोगों के विकास को लेकर अंबेडकर की दृष्टि की भी सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर ने श्रम शक्ति के कल्याण और औद्योगीकरण के बीच उचित तालमेल स्थापित करने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंबेडकर ने मनुष्य जाति की रक्षा की है। वह किसी जाति के नेता नहीं थे। हमें उनके बारे में सीमा में बंधा नजरिया नहीं रखना चाहिए। उन्हें केवल दलितों का मसीहा बताना उनके साथ घोर अन्याय है। उन्होंने हर तरह के अन्याय के प्रति आवाज उठाई थी।
मोदी ने अंबेडकर के आर्थिक दर्शन को सराहते हुए कहा कि उनके दर्शन में किसानों का कल्याण भी शामिल था।
प्रधानमंत्री ने कहा, “उनके कई सपनों में से एक को साकार करने के लिए मैं 14 अप्रैल को एक ऐसी तकनीक लांच करूंगा, जिससे किसानों को कृषि उत्पादों के बाजार मूल्य की अद्यतन जानकारी मिल सकेगी।”