लखनऊ, 27 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा है कि कुष्ठ रोगियों के मानवीय अधिकारों की रक्षा केवल कागजी न होकर उनके सशक्तीकरण के लिए होनी चाहिए। उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए जन-आंदोलन की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि समाज का विकास अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के विकास पर निर्भर है। कुष्ठ पीड़ित समाज के सबसे नीचे पायदान पर हैं। कुष्ठ पीड़ितों को लोग घृणा से देखते हैं। समाज को कुष्ठ पीड़ितों के प्रति व्याप्त कुरीतियां, सोच एवं भावनाओं को बदलने की जरूरत है।
राज्यपाल की पहल पर आज एनबीआरआई के प्रेक्षागृह में ‘कुष्ठ पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन एवं कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी’ के विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
इस संगोष्ठी में प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन, राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी तथा अध्यक्ष अन्तर्राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण संघ डा. विकास आमटे भी उपस्थित थे।
नाइक ने कहा कि आगामी 8-9 जुलाई को अम्बेडकरनगर तथा 12-13 अगस्त को बहराइच में ऐसी कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा, जिसमें अलग-अलग स्थान के कुष्ठ पीड़ित जन सहभाग कर सकेंगे।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने कहा कि सरकार कुष्ठ पीड़ितों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कुष्ठ पीड़ितों का निर्वाह भत्ता 2500 रूपये प्रति माह देने की बात कही है। समाज में कुष्ठ पीड़ितों के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है।
उन्होंने राज्यपाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्यपाल ने कुष्ठ पीड़ितों द्वारा राजभवन में भजन संन्ध्या का कार्यक्रम रखकर वास्तव में बहुत बड़ा सन्देश दिया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी व बाबा आम्टे ने कुष्ठ पीड़ितों की सेवा करके देश की इज्जत बढ़ाई है।
राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि कुष्ठ रोगियों की सेवा एक पवित्र काम है। समाज उन्हें कुछ दे या न दे लेकिन सम्मान जरूर मिलना चाहिये। कुष्ठ पीड़ितों के प्रति मानवीय लगाव होना चाहिये। कुष्ठ पीड़ितों से अछूत जैसा व्यवहार वास्तव में मानव सभ्यता के लिये गिरावट का सूचक है।