नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर स्वाति मालीवाल की नियुक्ति को उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा खारिज करने को लेकर गुरुवार को उन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने हालांकि उनकी नियुक्ति के लिए उनसे मंजूरी मांगी है।
जंग द्वारा मालीवाल की नियुक्ति को असंवैधानिक बताना तथा खुद को दिल्ली की सरकार बताने पर केजरीवाल ने पलटवार करते हुए उनपर मोदी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।
कड़े शब्दों में लिखे एक पत्र में केजरीवाल ने जंग से कहा कि उनके (जंग) द्वारा यह समझना कि दिल्ली में वास्तविक तौर पर उनकी सरकार है, हास्यास्पद व असंवैधानिक है।
उन्होंने कहा, “उप राज्यपाल की कार्रवाई में मैं एक ही उद्देश्य देखता हूं, वह हैं प्रधानमंत्री। वे चाहते हैं कि दिल्ली सरकार हार मान ले।”
केजरीवाल ने कहा, “उपराज्यपाल ने कहा है कि उपराज्यपाल खुद दिल्ली सरकार हैं। यह कैसे संभव है? कोई व्यक्ति सरकार होने का दावा कैसे कर सकता है? अगर ऐसा है, तो दिल्ली में तानाशाही होगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह स्पष्ट है कि इससे ज्यादा हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता। भारत में लोकतंत्र है। दिल्ली में चुनी हुई सरकार है। दिल्ली सरकार का मतलब निर्वाचित सरकार है, न कि कोई व्यक्ति।”
उन्होंने कहा कि मोदी के निर्देश पर उप राज्यपाल ने डीसीडब्ल्यू को पूरी तरह अप्रभावी बताया है, ठीक उसी तरह जैसा उसने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के मामले में किया था।
उन्होंने कहा, “फिर उपराज्यपाल क्यों इस तरह के हास्यास्पद तथा असंवैधानिक गतिविधियों में संलग्न हैं? सच्चाई तो यह है कि उपराज्यपाल खुद ऐसा नहीं कर रहे। उन्हें यह सब करने के लिए कोई मजबूर कर रहा है।”
केजरीवाल ने कहा कि डीसीडब्लयू के सदस्यों की नियुक्ति का दिल्ली सरकार के पास पूरा अधिकार है।
जंग को लिखे एक पत्र में केजरीवाल ने कहा कि वह मालीवाल की फाइल को मंजूरी के लिए उनके पास भेज रहे हैं, क्योंकि डीसीडब्ल्यू का अतिशीघ्र काम शुरू कर देना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “डीसीडब्ल्यू का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण व संवेदनशील है। हमारे लिए यह कोई अहम की लड़ाई नहीं है।”
केजरीवाल ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “उप राज्यपाल-प्रधानमंत्री जीते और हम सब हारे। मैं अब हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप फाइल पर हस्ताक्षर कर दें और डीसीडब्ल्यू को अपना काम शुरू करने दें। मैं आपको फाइल भेज रहा हूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “लोगों के लिए यह जरूरी है कि डीसीडब्ल्यू सही तरीके से काम करे। दिल्ली में महिलाएं अपराध व अन्याय सह रही हैं। मैं आशा करता हूं कि नई डीसीडब्लयू ऐसी सभी महिलाओं को न्याय सुनिश्चित करने में सक्षम होंगी।”
इसी बीच, मालीवाल ने कहा, “मैं राजनीति नहीं समझती। मैं यहां काम करने तथा महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए आई हूं। जब मेरे कर्मचारी यहां सुबह 10 बजे पहुंचते हैं, तो वह कार्यालय में ताला जड़ा पाते हैं और मेरी केबिन के बाहर मेरा नेमप्लेट गायब पाते हैं।”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह सकारात्मक हैं। उन्होंने कहा, “मैं उपराज्यपाल की इज्जत करती हूं और जो भी फैसला आएगा उसका सम्मान करूंगी।”
केजरीवाल ने कहा, “वे यह सब प्रधानमंत्री के निर्देश पर कर रहे हैं। तथ्य तो यह है कि गृह मंत्रालय तक प्रधानमंत्री कार्यालय के दबाव से दिन ब दिन असहाय होता जा रहा है।”