कोच्चि, 30 अगस्त (आईएएनएस)। स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी) का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय के खिलाफ दायर एक याचिका को मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया।
जनहित याचिका विभिन्न राजनीतिक दलों, मजदूर संगठनों, बैंक लाभार्थी समूह, ग्राहकों, शेयरधारकों, जन संगठनों, व्यापार और उद्योग संगठनों और बैंक कर्मचारियों के एक मंच की ओर से दायर की गई है। उनका उद्देश्य एसबीआई के साथ एसबीटी के विलयन को बचाना है और यह सुनिश्चित करना है कि एसबीटी एक इकाई के रूप में केरल की जनता को बड़े पैमाने पर अपनी सेवाएं प्रदान करती रहे।
उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार, एसबीआई, आरबीआई और एसबीटी को नोटिस जारी किया है।
स्टेट बैंक ऑफ ट्रावणकोर में कुल 14,000 कर्मचारी काम करते हैं। अपनी स्थापना के बाद से ही इस संस्था की पहचान केरल के अपने बैंक के रूप में है।
एसबीआई के साथ इस बैंक के प्रस्तावित विलय के खिलाफ एसबीटी कर्मचारी संघ लगातार विरोध प्रकट कर रही है और उसका कहना है कि केरल बैंक के ग्राहकों को इससे काफी परेशानी होगी।
बैंक कर्मचारी संघ को सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा और कांग्रेसनीत विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है। इन पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसे रोकने की मांग की है।
इस मंच के अध्यक्ष और वरिष्ठ सीपीआई (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) नेता तथा तिरुवनंतपुरम से लोकसभा के पूर्व सदस्य पानियन रविंद्रन हैं।
एसबीटी में फिलहाल एसबीआई की 79.09 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि केरल सरकार के पास 0.89 फीसदी शेयर हैं।
पिछले वित्तवर्ष के अंत में एसबीटी का कुल कारोबार 1,68,123 करोड़ रुपये रहा, जिसमें बैंक के पास कुल 1,01,119 करोड़ रुपये जमा है तथा 67,004 करोड़ का उधार शामिल है।