तिरुवनंतपुरम, 28 अगस्त (आईएएनएस)। रेलवे केरल में कम निवेश कर रही है, जबकि राज्य से उसे अच्छी कमाई हो रही है। नतीजा है कि रविवार की जैसी गाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाएं होती हैं। यह बात राज्य के लोक निर्माण मंत्री जी. सुधाकरण ने कही।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु को लिखे पत्र में सुधाकरण ने केरल में तिरुवनंतपुरम-मैंगलोर एक्सप्रेस के पटरी से उतरने पर चिंता जताई और कहा कि बुनियादी ढांचों के प्रावधान के मामले में राज्य उपेक्षित रहा है।
सुधाकरण ने पत्र में कहा, “केरल दक्षिण रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व देता है। लेकिन जब रेलवे की आधारभूत संरचना की बात आती है तो राज्य की जरूरतों को हमेशा नजरंदाज किया जाता है।”
मंत्री ने कहा, “केरल में ट्रेनों के डिब्बों की गुणवत्ता काफी खराब है। इसके बाद राज्य में समय पर पटरियों की मरम्मत और रखरखाव नहीं होते हैं। ये सभी गाड़ियों के लगातार पटरी से उतरने के कारण हो सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के कारण के निवारण और रेल यातायात शीघ्र बहाल करने के लिए रेल मंत्री प्रभु को हस्तक्षेप करना चाहिए।
सुधाकरण ने कहा कि रेलवे को गाड़ी के पटरी से उतरने की जांच भी करनी चाहिए।
रेलगाड़ी के पटरी से उतरने के कारण कई ट्रेनों के परिचालन रद्द कर दिए गए। कुछ रेल गाड़ियों के मार्ग बदले गए, जबकि कई ट्रेनों की सेवाएं बीच रास्ते में ही समाप्त कर दी गईं।
इस बीच दक्षिण रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि सोमवार से रेल यातायात पूर्ण रूप से सामान्य हो सकती है।