तिरुवनंतपुरम, 19 मार्च (आईएएनएस)। आज जब भारत और दुनिया भर में लैंगिक समानता चर्चा का मुख्य केन्द्र बिन्दु बन गया है वैसे में केरल लैंगिक असमानता को खत्म करने और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए दुनिया भर से विचारकों, विद्वानों, क्षेत्र के विशेषज्ञों, प्रोफेशनल और नीति निमार्ताओं को एक मंच पर आमंत्रित कर रहा है।
राज्य इस साल 12 से 14 नवम्बर तक लैंगिक समानता पर पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीई – 1) का आयोजन करेगा। लिंग असमानता को कम करने के लिए दुनिया भर के विषेशज्ञों के ज्ञान और अनुभवों को साझा करने के लिए मंच उपलब्ध कराने के लिए देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर यह आयोजन किया जा रहा है।
यह सम्मेलन यू.एन. वूमेन के सहयोग से जेंडर पार्क के द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जंेडर पार्क, केरल सरकार के सामाजिक न्याय विभाग के तहत कार्यरत एक संस्था है जिसने महिलाओं के लिए ‘शी टैक्सी’ पहल की सफलतापूर्वक शुरुआत की।
सम्मेलन का मुख्य विषय – लिंग, प्रशासन और समावेशन है। इसमंे नागरिकता, वैश्वीकरण, काम, प्रशासन, पुरुषों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा, विकलांगता और मीडिया की भूमिका जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
सामाजिक न्याय मंत्री एम. के. मुनीर ने कहा, “यह सम्मेलन हमारे राज्य के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा क्यांेकि इससे हम राज्य के विकास के लिए केरल मॉडल की सफलता और कमजोरियों की ओर ध्यान आकर्षित करने में सक्षम होंगे। हमने सामाजिक संकेतकों के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है। केरल की महिलाएं अत्यधिक शिक्षित और स्वस्थ हैं, लेकिन मुझे लगता है कि संसाधनों तक उनकी पहुंच को बढ़ाने के लिए और सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हमें और अधिक करने की जरूरत है।”
जेंडर पार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पी. टी. एम. सुनिश ने कहा कि सम्मेलन ‘शी’ टैक्सी जैसीं पहल की सफलता पर आधारित होगा, जिसे अन्य राज्य भी महिलाओं की उद्यमशीलता के लिए एक शक्तिशाली मॉडल के रूप में और उनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक साधन के रूप में अपना रहे हैं।