नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)। देश में हर 10 मिनट में एक बच्चा कैंसर की गिरफ्त में आ रहा है। इस साल देश में कैंसर के 50,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)। देश में हर 10 मिनट में एक बच्चा कैंसर की गिरफ्त में आ रहा है। इस साल देश में कैंसर के 50,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
बच्चों में मुख्य रूप से रक्त कैंसर, मस्तिष्क कैंसर, न्यूरोफ्लास्टोमा कैंसर के मामले अधिक देखने को मिलते हैं।
कैंसर इंस्टीट्यूट मेदांता में एसोसिएट सलाहकार डॉ. सुनील गुप्ता ने फोन पर आईएएनएस को बताया, “छोटी उम्र के बच्चों में धूम्रपान एवं नशीले पदार्थो की लत के मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, औद्योगिक प्रदूषण, गर्भावस्था के दौरान विकिरण की जद में आने और आनुवांशिक रूप से भी मां-बाप से बच्चों में कैंसर के मामले बढ़े हैं। इस पर सिर्फ जागरूकता से ही रोकथाम लगाया जा सकता है।”
इसी दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए शनिवार को गुड़गांव में एक साइकिल रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में लगभग 50 लोगों ने हिस्सा लिया। यह रैली गुड़गांव के एमजी मॉल से शुरू हुई। रैली में शामिल स्वयंसेवियों एवं कैंसर की जंग जीत चुके लोगों ने 10 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाई।
सुनील गुप्ता का कहना है कि भारत में हर साल 50,000 बच्चों का सफलतापूर्वक कैंसर का निदान किया जाता है। यदि समय पर कैंसर का पता चल जाए तो बचपन में होने वाले 70 से 95 प्रतिशत कैंसर के मामलों का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
इस रैली के आयोजकों में से एक फिटनेस लाउंज ‘मंतन’ के संस्थापक गगनदीप खजोतिया ने आईएएनएस को बताया, “देश में बच्चों में कैंसर के मामले चौंकाने वाले हैं। बच्चों में कैंसर के बढ़ रहे मामलों को रोकने की जरूरत है, जिसे जागरूकता के जरिए समय पर सही इलाज से ही समाप्त किया जा सकता है।”
साइकिल रैली, प्रदर्शनी स्टॉल, रंगारंग कार्यक्रमों के जरिए लगभग डेढ़ लाख रुपये की राशि जुटाई गई है, जिसे बच्चों में कैंसर की रोकथाम की दिशा में कार्यरत ‘किनकैट्स’ संस्था को दिया जाएगा।
खजोतिया का कहना है, “किनकैट्स देश में पिछले कई साल से बच्चों में कैंसर के इलाज की दिशा में काम कर रही है। इन कार्यक्रमों से जुटाई गई राशि संस्था को दी जाएगी ताकि वह इस काम को बिना किसी बाधा के जारी रख सके।”
बच्चों में होने वाले कैंसर के लक्षणों में शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होना, गर्दन, पेट-पीठ में गांठ का होना एवं आंख में सूजन आदि हैं। कैंसर रोग की जांच तकनीक ‘बायोप्सी’ से आसानी से कैंसर का पता लगाकर समय पर इसका इलाज करने से हजारों बच्चों को बचाया जा सकता है।