नई दिल्ली, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। केन्द्रीय कोयला मंत्रालय ने नई कोयला वितरण नीति (एनसीडीपी) में संशोधन के संबंध में एक आदेश जारी किया है, जिसका उद्देश्य राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसियों (एसएनए) के माध्यम से कोयला बिक्री की सरकारी सीमा 4200 टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 10000 टन करना है।
मंत्रालय ने जारी आदेश में कहा कि यह निर्देश सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) से कोयले के वितरण पर भी लागू होगा।
उपभोक्ताओं और राज्य सरकारों की ओर से केन्द्रीय कोयला मंत्रालय से यह अनुरोध किया गया था कि एनसीडीपी-2007 में जो दिशानिर्देश दिए गए हैं, उनपर पुनर्विचार किया जाए।
इस संशोधन के लिए जो तर्क आदेश में दिए गए, उसके जरिए जिनकी जरूरत 4200 टन प्रति वर्ष से कम है, वे ही एसएनए से कोयला ले सकते हैं। जिन बड़ी इकाइयों की जरूरत 4200 टन प्रति वर्ष से कम है, जिला उद्योग केन्द्र (डीआईसी) से कोयला नहीं ले रहे थे। इसके अलावा, उन छोटी (लघु) इकाइयों के लिए जिनकी आवश्यकता 4200 टन प्रति वर्ष से कम है, को संशोधित किए जाने की जरूरत है।
इस संशोधन को सरकार द्वारा कारोबार करना आसान बनाने के लिए एक प्रमुख कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे लघु, मध्यम और अन्य क्षेत्रों को भी ज्यादा से ज्यादा कोयला उपलब्ध हो सकेगा।