ज्योतिषाचार्य गणेश दत्त त्रिपाठी ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड से चंद्रग्रहण दिखाई देना शुरू होगा। सूर्यास्त के समय यह पश्चिम में दिखाई देगा।
उन्होंेने कहा कि यह चंद्रग्रहण अत्यंत कष्टदायी व अजीब संयोग वाला है। ग्रहण मेष, कर्क, वृश्चिक, धनु, राशि वालों के लिए लाभदायक, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, मकर, कुंभ, मीन राशि वालों के लिए कष्टदायी होगा। ग्रहण का सूतक सूर्योदय से शुरू होगा।
त्रिपाठी ने कहा कि सूतक व ग्रहण काल में दान, जप, पाठ, मंत्र, सिद्धि, तीर्थस्नान, कीर्तन आदि में ग्रहण का प्रकोप कम हो जाता है। ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श करना, अनावश्यक खाना-पीना, मैथुन, निद्रा से बचें। बालक, वृद्ध, रोगी, गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से भोजन, दवाई लेने से कोई दोष नहीं लगता। खाने-पीने की वस्तुओं में कुशा रखें।
ज्योतिषाचार्य ने कहा कि ग्रहण काल में हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य कर लेना चाहिए।