भोपाल, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली मध्य प्रदेश के महू से उनकी 125वीं जयंती पर केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे ‘ग्रामोदय से भारत उदय अभियान’ को राजनीतिक पंडित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ग्रामीण इलाकों में पकड़ मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। इस 10 दिवसीय देशव्यापी अभियान को गांवों तक ही सीमित रखा गया है।
भोपाल, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली मध्य प्रदेश के महू से उनकी 125वीं जयंती पर केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे ‘ग्रामोदय से भारत उदय अभियान’ को राजनीतिक पंडित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ग्रामीण इलाकों में पकड़ मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। इस 10 दिवसीय देशव्यापी अभियान को गांवों तक ही सीमित रखा गया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आईएएनएस से कहा, “केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा अभियान ग्रामोदय और भारत उदय नहीं, बल्कि ‘ग्राम अस्त और भारत अस्त अभियान’ है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार ने पंचायतों से अधिकार छीन कर उसे अधिकार विहीन कर दिया है।”
उन्होंने कहा, “मौजूदा केंद्र सरकार हिटलरशाही की तर्ज पर काम कर रही है। इस अभियान के जरिए भाजपा राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, जो कामयाब नहीं होने वाली है। क्योंकि देश और प्रदेश की जनता उन्हें जान गई है।”
जनता दल (युनाइटेड) के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद यादव ने केंद्र सरकार के ‘ग्रामोदय से भारत उदय अभियान’ को देश में कंपनी राज से बढ़ते असंतोष को दबाने वाला सेफ्टीबाल्व करार दिया है।
यादव ने आईएएनएस से कहा, “मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, अच्छे दिन, स्वच्छ भारत अभियान के लोकलुभावन नारों को जनता समझ चुकी है। गांव का जल, जंगल और जमीन कंपनियों को सौंप रहे हैं, जिसके चलते गांव में नाराजगी चरम पर है। इन हालातों में दूसरी क्रांति जन्म न ले सके, इस मकसद से यह अभियान शुरू किया जा रहा है। दूसरी ओर गांव और दलितों में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की जुगत भी है।”
विपक्षी दल भले ही इस अभियान को राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं, मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे गांवों के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का सम्पूर्ण अभियान बताया है। उन्होंने कहा है कि इस अभियान में सभी के सहयोग और सहभागिता से ग्रामीण मध्य प्रदेश और देश का कायापलट हो जाएगा। राज्य में यह अभियान 45 दिन का होगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मध्य प्रदेश इकाई के सचिव बादल सरोज इस अभियान को सिर्फ आम लोगों को गुमराह करने की कोशिश बताते हैं।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “बात ग्रामोदय की हो रही है, मगर किसानों की आत्महत्या बढ़ गई है, सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं, ग्रामीणों का पोषण स्तर लगातार गिर रहा है।”
सरोज ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक जो नारे दिए और जो किए, उसमें कोई सामंजस्य नहीं रहा है। लिहाजा अपनी झेंप मिटाने वह इस तरह का अभियान शुरू करने जा रहे हैं। भले ही उनकी मंशा राजनीतिक लाभ की हो, मगर इससे होने वाला कुछ नहीं है, क्योंकि जनता अब उन्हें समझ चुकी है।”
लेकिन भाजपा प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी कहते हैं कि दूसरे राजनीतिक दलों का काम ही हर अच्छे काम और प्रयास को राजनीतिक चश्मे से देखना है।
उन्होंने कहा, “भाजपा हर वर्ग के लिए काम कर रही है, महिलाओं के लिए अभियान चले या युवाओं के लिए, विरोधी हमेशा यही कहते हैं कि यह वोट बैंक बढ़ाने के लिए संबंधित वर्ग में पैठ बनाने की कोशिश है।”
बहरहाल, हो न हो लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद के राजनीतिक परिदृश्य में पहले दिल्ली और फिर बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार ने भाजपा को इस बात का एहसास करा दिया है कि ग्रामीण इलाकों और दलितों में पकड़ बनाए बगैर वह अपने जनाधार का विस्तार नहीं कर सकती है।