तेहरान, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। ईरान के विदेश मंत्री जवाद जारिफ ने शुक्रवार को कहा कि स्विट्जरलैंड के लुसाने में वार्ताकारों के बीच बनी सहमति को तेहरान के परमाणु समझौते की दिशा में अंतिम आधार के रूप में देखा जा सकता है।
तेहरान हवाईअड्डे पर उतरने के बाद जारिफ ने कहा, “लुसाने में वार्ता के बाद जारी की गई अंतिम सरकारी सूचना को एक मंच के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसके आधार पर मई में समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा।”
ईरान और पी5 प्लस1 समूह के देशों -अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन- और जर्मनी के शीर्ष वार्ताकारों ने गुरुवार को ईरान के परमाणु मुद्दे पर आठ दिनों तक चली वार्ता के बाद लुसाने में एक संयुक्त व्यापक कार्ययोजना (जेसीपीओए) ज्ञापन जारी की। इसके साथ ही 30 जून तक एक व्यापक समझौते के लिए लंबित मुद्दों के सामूहिक समाधान निकालने पर भी सहमति बनी।
ज्ञापन को जारिफ और यूरोपीय संघ (ईयू) की विदेश नीति प्रमुख फेडरिका मोघरिनी ने मीडिया के समक्ष पढ़ा।
मोघरिनी ने कहा कि ईरान की संवर्धन क्षमता, संवर्धन स्तर और भंडारों को एक निश्चित समयावधि के लिए सीमित करने के लिए सभी पक्ष सहमत हो गए हैं। इसके साथ ही देश के नतांज परमाणु संयंत्र के बजाए देश में अन्य कोई परमाणु संवर्धन केंद्र नहीं होगा।
मोघरिनी ने कहा कि ईरान के विवादास्पद फोर्दो परमाणु संयंत्र को एक संवर्धन इकाई से परमाणु, भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र में परिवर्तित किया जाएगा।
ईरान के वरिष्ठ परमाणु वार्ताकार अब्बास अराकची ने कहा कि विश्व ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को मान्यता दे दी है। उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैध है और यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।