उन्होंने कहा कि चीन को नए शहरों के निर्माण और मौजूदा शहरों के विस्तार सहित कई कार्यो के लिए चिली के तांबे की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “चीन की अर्थव्यवस्था के विकास ने दुनियाभर में तांबे की कीमतों को प्रभावित किया है। चीन की अर्थव्यवस्था में मामूली बदलाव से एक कमोडिटी निर्यातक के रूप में चिली प्रभावति होगा।”
उन्होंने कहा कि चीन के दोहरे अंकों वाले जीडीपी विकास दर के दौरान तांबे की कीमतें प्रभावित हुई थी। ऐसे में जबकि चीन की विकास दर अब सात प्रतिशत के आसपास है, चीन में तांबे की भारी मांग की वजह से यह हमेशा ही हमारे लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
चीन और चिली ने 45 साल के राजनयिक संबंधों के बाद 2005 में मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 34 अरब डॉलर को पार कर गया है।
विलियम्स ने कहा कि चीन को किए जाने वाले निर्यात में तांबे की मात्रा सर्वाधिक है।
चिली की सरकार को उम्मीद है कि अगले दशक में नई खनन परियोजनाएं 76 अरब डॉलर की होगी, जिसमें से 80 प्रतिशत तांबे से संबंधित होगी।