जयपुर, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। चेन्नई चिड़ियाघर से एक सफेद बाघ को उदयपुर चिड़ियाघर भेजा जाना है, जहां उसे मेवाड़ी कमांड सिखाए जाएंगे।
वन्य जीव अधिकारियों ने बताया कि बाघ को यहां कुछ समय तक भाषा संबंधी परेशानियों से जूझना पड़ सकता है, लेकिन उसे बिना किसी परेशानी के मेवाड़ी कमांड सिखाने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, रामा नामक बाघ का जन्म चेन्नई के अरिगनार अन्ना प्राणी उद्यान में साल 2011 में हुआ था। पांच साल के रामा का प्रशिक्षण तमिल भाषा में हुआ। लेकिन अब उसे 30 सितंबर को उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में स्थानांतरित किया जा रहा है, जहां उसे मेवाड़ी या हिंदी के संकेतों को समझना होगा।
बाघ को तमिल संकेतों के बाद मेवाड़ी या हिन्दी संकेत सीखने में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए उसके तमिल भाषी देखरेख करने वाले को कुछ दिनों के लिए उदयपुर लाने की व्यवस्था की जा रही है।
अधिकारियों को विश्वास है कि वे रामा को संचार समस्या से निजात दिलाने में सक्षम होंगे।
वन विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “बाघ को 30 सितंबर को उदयपुर लाए जाने की उम्मीद है। एक देखभाल करने वाला भी उसके साथ यहां आ रहा है। वह यहां कुछ समय तक रहेगा और मेरा विचार है कि बाघ स्थानीय या सांकेतिक भाषा समझने लगेगा। “
सज्जनगढ़ जैविक उद्यान में रामा दो बाघों के साथ रहेगा, जिनमें से एक पुणे से लाई गई बाघिन दामिनी और रणथंभौर से लाया गया एक बाघ शामिल है।