बैकुंठपुर (छत्तीसगढ़), 12 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। आपको यह जानकर अंचभा जरूर होगा, लेकिन यह सच्चाई है। यहां एक महिला बिना खाना खाए 33 वर्षो से जिंदा है और पूरी तरह स्वस्थ है। इस महिला की अनूठी शारीरिक विशेषता को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं।
बैकुंठपुर (छत्तीसगढ़), 12 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। आपको यह जानकर अंचभा जरूर होगा, लेकिन यह सच्चाई है। यहां एक महिला बिना खाना खाए 33 वर्षो से जिंदा है और पूरी तरह स्वस्थ है। इस महिला की अनूठी शारीरिक विशेषता को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के बरदिया गांव में रहने वाली 44 साल की पल्ली देवी सिर्फ चाय पीती है। आप इसे कुदरत का करिश्मा कहें या कुछ और, लेकिन इस महिला ने 11 वर्ष की उम्र में अचानक अन्न त्याग दिया। परिवार के लोगों की मानें तो पिछले 33 सालों से लगातार उसने अन्न-जल को मुंह तक नहीं लगाया और केवल चाय के सहारे जिंदा है।
जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर दूर बरदिया गांव में पल्ली अपने पिता के घर पर रहती है। आस-पास के इलाके में लोग इसे ‘चाय वाली चाची’ के नाम से पहचानते हैं।
उसके पिता रतिराम बताते हैं कि पल्ली जब छठी कक्षा में थी, तभी से उसने भोजन को कभी हाथ नहीं लगाया। उन्होंने कहा, “यह घटना अचानक घटी। हमारी बेटी कोरिया जिले के जनकपुर में पटना स्कूल की ओर से जिलास्तरीय टूर्नामेंट खेलने गई थी। वहां से लौटने के बाद उसने अचानक खाना-पीना त्याग दिया। पहले तो एक-दो माह तक उसने बिस्किट, चाय और ब्रेड लिया। उसके बाद उसने धीरे-धीरे बिस्किट और ब्रेड भी खाना छोड़ दिया।”
पल्ली के छोटे भाई ने बताया, “जब से मैंने होश संभाला है, अपनी बहन को 33 साल से इसी तरह देखते आ रहे हैं। चाय भी वह दिन ढलने के बाद पीती है।”
गांव के पूर्व सरपंच बिहारी लाल राजवाड़े ने कहा, “सन् 1994 में जब मैं सरपंच बना था, उसी समय से पल्ली को जानता हूं। पल्ली सिर्फ चाय पर पलती है। गांव वाले उसे आस्था की नजर से देखते हैं। मुझे पता चला कि पहले तो वह दूध वाली चाय पीती थी, लेकिन गरीबी के कारण घर में रोजाना दूध आना बंद हो गया तो उसने प्रण कर लिया कि अब काली चाय ही पीएगी।”
कोरिया जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. एस.के. गुप्ता भी हैरत में हैं। उन्होंने कहा, “मेडिकल साइंस के मुताबिक ऐसा संभव नहीं है। मैं भी हैरान हूं। पल्ली को समूचे शरीर की जांच करवानी चाहिए।”