रायपुर/कवर्धा, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पिछले वर्ष नसबंदी शिविर में नकली दवा के कारण 15 महिलाओं की मौत से सहमी वनांचल में रहने वाली महिलाएं सीमा से लगे मध्यप्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर नसबंदी करा रही हैं।
पिछले एक हफ्ते में पंडरिया विकासखंड के वनांचल के पोलमी, कुसियारी, दमगढ़, महिडबरा, तायकेरनी, उपरा, भोभरा, सेंदुरखार, बदना सहित आसपास के अन्य गांव से लगभग 700 महिलाओं ने मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में जाकर नसबंदी कराई है।
कवर्धा के सीएमएचओ डॉ.जी.के. सक्सेना ने बताया कि मध्यप्रदेश से गाड़ियां आती हैं और वनांचल की महिलाओं व पुरुषों को लेकर जाती हैं। मप्र का डिंडौरी जिला छग के वनांचल से लगा हुआ है, इसलिए भी वहां महिलाएं जाती हैं।
जानकारी मिली है कि मप्र के डिंडौरी जिले के समनापुर, गोपालपुरा और झमकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर ये महिलाएं नसबंदी करा रही हैं। इसमें गोंड़, यादव और बैगा महिलाएं शामिल हैं। यह पहला मौका नहीं है, जब छत्तीसगढ़ के वनांचल की महिलाएं मध्यप्रदेश में जाकर नसबंदी करा रही हैं। इसके पहले भी इस प्रकार के मामले सामने आते रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन इसे रोक पाने में नाकाम है।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य संचालक आर. प्रसन्ना हालांकि इससे अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा, “इस प्रकार की जानकारी आप ही से मिली है। मैं पता लगाऊंगा।”
मप्र के डिंडौरी जिले के स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गाड़ियां लेकर क्षेत्र में आते हैं और गाड़ियों में भरकर हितग्राहियों को लेकर डिंडौरी जिले के अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्र में लेकर जाते हैं। यहां उनकी नसबंदी की जाती है और प्रोत्साहन राशि देने के बाद वापस गांव छोड़ दिया जाता है। वनांचल में इन दिनों ये नजारा खूब देखने को मिल रहा है।
नांचल ग्राम महिडबरा की देवती पति दारा सिंह ने बताया कि वह पिछले दिनों नसबंदी कराने समनापुर गई थी। देवती कहती है कि यहां नसबंदी कराने में कोई परेशानी तो नहीं है, लेकिन डर लगता है। बिलासपुर में नसबंदी के दौरान महिलाओं की मौत हो गई थी, इसलिए हम डिंडौरी चले गए थे।
वहीं सकर्तिन पति बाबूराम, फूलमती पिता कमल सिंह, राजबाई पति खुखूराम ने कहा, “वहां से लोग आते हैं और गाड़ी में हमको लेकर जाते हैं।”
चिकित्सा विभाग की मानें तो वनांचल में महिलाओं और पुरुषों को दूसरे राज्य जाकर नसबंदी कराने से रोकने का प्रयास किया जाता है। वनांचल में जागरूकता लाने का प्रयास जारी है, लेकिन वनांचल से डिंडौरी जिला पास होने के कारण वहां बड़ी संख्या में लोग नसबंदी के लिए जाती हैं।
डिंडौरी के सीएमएचओ डॉ. संतोष जैन ने कहा, “हितग्राही चाहे कहीं के भी हों, अगर वे आते हैं तो उनकी नसबंदी की जाती है। छत्तीसगढ़ से पहले भी महिलाएं आती रही हैं और अब भी आती हैं, क्योंकि वहां बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है।”
बहरहाल, प्रदेश के बाहर जाकर नसबंदी कराए जाने की जानकारी सामने आने के बाद छग का स्वास्थ्य विभाग मामले की लीपापोती में जुट गया है।