रायपुर/कोरबा, 9 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ प्रदेश के सबसे बड़े विद्युत संयंत्र हसदेव ताप विद्युत गृह (एचटीपीपी) में कोयला संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में उत्पादन घटने के कारण कोल सप्लाई में आई कमी से यह अवांछित स्थिति निर्मित हुई है।
रायपुर/कोरबा, 9 अप्रैल (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ प्रदेश के सबसे बड़े विद्युत संयंत्र हसदेव ताप विद्युत गृह (एचटीपीपी) में कोयला संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में उत्पादन घटने के कारण कोल सप्लाई में आई कमी से यह अवांछित स्थिति निर्मित हुई है।
कंपनी सूत्रों की मानें तो 1340 मेगावाट क्षमता वाले इस संयंत्र के कोल यार्ड में वर्तमान स्थिति में केवल एक दिन का ही कोयला स्टाक शेष बचा है, जबकि संयंत्र में क्रियाशील सभी पांच इकाइयों से पूरी क्षमता में बिजली उत्पादन के लिए प्रतिदिन 18 हजार 900 टन कोयले की आवश्यकता पड़ती है।
कोयले की आपूर्ति में अचानक आई कमी के चलते विद्युत संयंत्र की सभी इकाइयों को कम लोड पर प्रचालित किया जा रहा है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, पर्यावरण संबंधी बाधाओं के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। कोयले की कम आपूर्ति होने से संयंत्र परिसर में इसका पर्याप्त भंडारण नहीं किया जा सका है। मौजूदा हालात में ईंधन की रोजाना आपूर्ति पर ही संयंत्र का सकल संचालन टिका हुआ है।
इस संबंध में एचटीपीपी के कार्यपालन निदेशक ओ.सी. कपिला ने वीएनएस को बताया कि संयंत्र में कोयले का स्टाक केवल एक दिन का ही है। प्रतिदिन हो रही कोयला आपूर्ति से संयंत्र प्रचालन में है। इस संबंध में एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन से चर्चा की गई है।
वहीं एसईसीएल कुसमुंडा के सीजीएम उमेश चौधरी का कहना है कि खदान में कोयला उत्पादन संबंधी कुछ खास समस्या नहीं है। बात जहां तक कोयला आपूर्ति की है, अनुबंध के हिसाब से निर्दिष्ट विद्युत संयंत्र को कोयले की आपूर्ति की जा रही है।