विस्फोट की इस वारदात से कुछ कुछ ही घंटे पहले सशस्त्र नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के शिविर पर हमला कर दिया था जिसमें एक जवान शहीद हो गया।
दंतेवाड़ा में हुए विस्फोट के बाद जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ भी हुई, जिसके बाद नक्सली भाग खड़े हुए। घटना दोपहर ढाई बजे के आसपास की बताई गई है। घायलों को फिलहाल एनएमडीसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शहीद होने वालों में एंटी लैंड माइन व्हीकल के ड्राइवर शिवा कश्यप, सहायक आरक्षक अलाउद्दीन, लल्लूराम प्रधान और जयप्रकाश पासवान शामिल हैं।
दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने घटनास्थल पर मीडिया को बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
उन्होंने कहा, “यह शक्तिशाली विस्फोट था। अनुमान है कि इसमें 50 किलो के आईईडी (इप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) का इस्तेमाल किया गया। विस्फोट से एंटी लैंडमाइन वाहन बुरी तरह हिल गया और चार सीएएफ जवान शहीद हो गए।”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, किरंदुल से पालनार मार्ग पर पुलिस का संयुक्त बल गश्त के लिए रवाना किया गया था। इसके साथ एंटी लैंड माइंस व्हीकल भी रवाना की गई थी। ग्राम चोलनार के समीप जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने व्हीकल पर निशाना साधते हुए बारूदी सुरंग विस्फोट कर दिया।
धमाके से वाहन क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी 11 जवान जख्मी हो गए। जिनमें से चार ने दम तोड़ दिया।
बताया जाता है कि धमाके के तुरंत बाद ही नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में फौरन मोर्चा संभालते हुए पुलिस जवानों ने भी फायरिंग की। लगभग एक घंटे तक दोनों ओर से हुयी फायरिंग के बाद अंतत: नक्सलियों के पैर उखड़ गए और वे घने जंगल व पहाड़ियों की आड़ लेकर भाग खड़े हुए।