रायपुर, 20 जुलाई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार सुबह मानसून सत्र शुरू हो गया। विधानसभा में दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद विपक्ष ने गरीबों की थाली पर डाका डालने वाले नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले की एसीबी जांच का मुद्दा उठाया और स्थगन प्रस्ताव लाकर सरकार को घेरने का प्रयास किया।
विधानसभा में सबसे पहले दिवंगत पूर्व सदस्यों- नरसिंह प्रधान, मांडवी हांदाराम व सुरेंद्र कुमार सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। दिवंगतों के सम्मान में सदन में दो मिनट का मौन रखा गया और सदन की कार्रवाई पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
कार्रवाई शुरू होने के साथ विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव ने बिजली दरों में वृद्धि का मामला उठाया। इस मामले में विपक्ष ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री रमन सिंह को घेरने की कोशिश की। विधानसभा में नियम 139 के तहत आधे घंटे चर्चा की अनुमति मांगी गई। उधर, मुख्यमंत्री ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि छोटे उपभोक्ताओं को कम दर पर बिजली दी जा रही है।
इसके बाद नान घोटाले में एसीबी जांच का मामला उठा। कांग्रेस के भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा कराने की मांग की।
कांग्रेस के भूपेश बघेल ने नान घोटाले मामले में एसीबी की जांच पर सवाल खड़े करते हुए स्थगन प्रस्ताव रखा। विपक्ष ने काम रोककर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। सत्तापक्ष ने इसका विरोध किया और नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मामला अदालत में है, इसलिए इस पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। भूपेश ने भी नियमों का हवाला देकर कहा कि चर्चा कराई जा सकती है।
सत्तापक्ष के विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय और अजय चंद्राकर ने कहा कि इससे न्यायालयीन प्रक्रिया प्रभावित होगी। इस पर विपक्ष ने कहा कि यह दोषपूर्ण चलान है, जो बातें छूट गई हैं, उन पर चर्चा होनी चाहिए।
आसंदी ने पक्ष-विपक्ष के विचार सुनने के बाद इस पर बाद में व्यवस्था देने का आश्वासन दिया।
सदन में आदिवासी बच्चों को बंधक बनाए जाने का मामला भी उठा। शून्यकाल में विपक्ष के अमित जोगी समेत कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया। जवाहर उत्कर्ष योजना के तहत पढ़ाई के लिए रायपुर आए आदिवासी बच्चों को स्कूल संचालक ने बंधक बना लिया था। नारेबाजी करते हुए विपक्ष ने आदिवासी बच्चों को बंधक बनाए जाने के मामले पर चर्चा की मांग की।