एक अधिकारी ने बताया कि रेलगाड़ी के चालक ने सिग्नल तोड़ दिया और उसे सैंड बम्प पर चढ़ा दिया, जिस कारण गाड़ी पटरी से उतर गई। पटरी से उतरे दो यात्री डिब्बों में एक स्लीपर श्रेणी का और एक साधारण श्रेणी का था।
एक अन्य अधिकारी ने बताया, “रेलगाड़ी को बछरावां रेलवे स्टेशन पर रुकना था लेकिन यह नहीं रुकी। जब चालक को अपनी गलती का पता चला तो उसने आपातकालीन ब्रेक लगाया, जिस कारण रेलगाड़ी पटरी से नीचे उतर गई।”
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने मृतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। वहीं रेलवे ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
पटरी से उतरते ही चारों डिब्बे पिचक गए। मृतकों और घायलों को गैस कटर से बोगियों को काटकर निकाला जा रहा है। राहत इंतजामों का जायजा लेने पहुंचे जीएम ए.के. पूठिया के मुताबिक, घायलों का लखनऊ और रायबरेली के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मरने वालों की संख्या में और इजाफा होने का अंदेशा जताया गया है।
रेल मंत्रालय ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायलों को 20 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी हादसे में मरने वालों के परिवार को दो-दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है। वहीं, रेलवे की ओर से मरने वाले यात्रियों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की गई है।
जानकारी मिली है कि ट्रेन को बछरावां रेलवे स्टेशन पर रुकना था, लेकिन वह बिना रुके दूसरी पटरी पर चली गई और इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद डिब्बे पटरी से उतर गए। जीएम पूठिया के मुताबिक, घटना की स्पष्ट वजह कमीशन की जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आ सकेगी, लेकिन इतना तय है कि ट्रेन के नहीं रुकने के कारण ही हादसा हुआ।
लखनऊ और रायबरेली से राहत और बचाव की टीमें बछरावां पहुंच चुकी हैं। लखनऊ जिला अस्पताल और रेलवे अस्पताल से डॉक्टरों की एक टीम बछरावां पहुंची है।
रेलवे के सीपीआरओ नीरज शर्मा ने बताया कि लखनऊ और दिल्ली से रेलवे के बड़े अधिकारी दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं।
रेलवे की एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन में भी डाक्टरों ने मामूली रूप से घायलों का इलाज किया। रेलवे की टीम ट्रैक को दुरुस्त करने में लगी है।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय ने बताया कि लखनऊ और रायबरेली के सभी अस्पतालों और ब्लड बैंक के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों को दुर्घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं और लखनऊ के सभी अस्पतालों में 100 बेड रिजर्व कराने के साथ घायलों का उचित देखरेख में इलाज किया जा रहा है।
लखनऊ से भी एक विशेष रेलगाड़ी और छह चिकित्सकों के साथ 20 एम्बुलेंसों का बेड़ा बछरावां की तरफ रवाना की गई। जिलाधिकारी राजशेखर ने 15 रोडवेज बसों को बछरावां के लिए रवाना किया, जिनसे घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। रेलवे ने इस हादसे के बाद रायबरेली, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद की तरफ जाने वाली ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन कर दिया है।
दुर्घटना के बाद सबसे पहले आसपास के गांवों के लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। गुस्साए स्थानीय लोगों ने राज्य और रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबारी की। उन्होंने कहा कि आधिकारिक बचाव कर्मियों ने घायलों की सहायता शुरू करने में काफी देर लगा दी।
लखनऊ के मंडलायुक्त महेश गुप्ता ने बताया कि इस हादसे में हताहत होने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। बचावकर्मियों को क्षतिग्रस्त हुए डिब्बों में फंसे कुचले शवों को बाहर निकालने में काफी संघर्ष करना पड़ा। कुछ शवों को रेल की पटरी पर बिखरे पड़े डिब्बों के नीचे से निकाला गया।
एक अधिकारी ने कहा, “चूंकि सामान्य श्रेणी वाला डिब्बा पूरी तरह से चपटा हो गया है, इसलिए इस हादसे में मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।”
उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि इस हादसे में पृथम दृष्टया चालक की गलती नजर आ रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने संसदीय क्षेत्र में हुई इस दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है।
इस दुर्घटना से मुख्य रेलमार्ग नई दिल्ली-लखनऊ-वाराणसी पर रेल सेवा बाधित हो गई है।