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 ‘जब आरबीआई गवर्नर असहिष्णुता पर बोलते हैं तो दुनिया सुनती है’ | dharmpath.com

Saturday , 3 May 2025

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‘जब आरबीआई गवर्नर असहिष्णुता पर बोलते हैं तो दुनिया सुनती है’

नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। इतिहासकार और मार्क्‍सवादी विचारक एजाज अहमद ने देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर चल रही बहस में शामिल होते हुए कहा कि समाज के उच्च तबके के लोग भी असहिष्णुता के खिलाफ अपना मत रख रहे हैं।

नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। इतिहासकार और मार्क्‍सवादी विचारक एजाज अहमद ने देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर चल रही बहस में शामिल होते हुए कहा कि समाज के उच्च तबके के लोग भी असहिष्णुता के खिलाफ अपना मत रख रहे हैं।

अहमद ने भारतीय भाषा महोत्सव ‘समन्वय’ के इतर आईएएनएस से कहा, “यह कोई छोटी बात नहीं है कि आरबीआई के गवर्नर असहिष्णुता के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने कभी इस तरह विरोध नहीं जताया। जब आरबीआई गवर्नर बोलते हैं तो भले ही केंद्र सरकार न सुने, लेकिन पूरी दुनिया में लोग उन्हें सुनते हैं।”

अहमद ने कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ विरोध अब केवल समाज के बौद्धिक तबके तक सीमित नहीं है।

इससे पहले ‘लैंग्वेजेज आफ अ नेशन’ विषय पर दिए अपने व्याख्यान में अहमद ने कलाकारों और लेखकों के बीच व्याप्त ‘भय के माहौल’ पर चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि देश की सबसे प्रसिद्ध इतिहासकार रोमिला थापर को पुलिस के संरक्षण में अपना व्याख्यान देना पड़ा।

अहमद ने कहा, “देश के संभवत: सर्वाधिक मौलिक संगीत विशेषज्ञ ए.आर.रहमान कहते हैं कि बीते कुछ महीनों में उन्हें भी खतरा महसूस हुआ है। मुंबई हमारी महानगरीय आकांक्षाओं का अभिमान हुआ करती थी। बीतते सालों के साथ इसका कितना ह्रास हो गया और माहौल डर से भर गया।”

अहमद ने कहा, “हम एक अजब माहौल में रह रहे हैं। कर्नाड (अभिनेता गिरीश कर्नाड) ने शायद देश में किसी भी अन्य कलाकार से अधिक पुरस्कार पाए हैं, उन्हें भी एक हवाई अड्डे का नाम बदलने के बारे में बिना अधिक सोच विचार कर दिए गए एक बयान की वजह से पुलिस की सुरक्षा में रहना पड़ रहा है।”

टोरंटो स्थित यार्क विश्वविद्यालय के अतिथि प्रोफेसर एजाज अहमद ने कहा कि इस समस्या पर उन हलकों से भी अप्रत्याशित प्रतिक्रिया मिली जिनसे मिलने की उम्मीद नहीं थी। पहली बार जाने-माने वैज्ञानिकों ने अपनी आवाज उठाई है।

अहमद ने कहा कि जब उन्हें यहां बोलने का न्योता दिया गया था तो उन्होंने असहिष्णुता पर बोलने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन, साहित्य की दुनिया में और देश के सामाजिक विचारों में कुछ विशिष्ट मुद्दों के विस्फोट की वजह से उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य होना पड़ा।

अहमद ने साहित्यिक समारोहों की बाढ़ पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इन महोत्सवों की आड़ में व्यावसायिक हित साधे जा रहे हैं।

‘जब आरबीआई गवर्नर असहिष्णुता पर बोलते हैं तो दुनिया सुनती है’ Reviewed by on . नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। इतिहासकार और मार्क्‍सवादी विचारक एजाज अहमद ने देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर चल रही बहस में शामिल होते हुए कहा कि समाज के उच्च त नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। इतिहासकार और मार्क्‍सवादी विचारक एजाज अहमद ने देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर चल रही बहस में शामिल होते हुए कहा कि समाज के उच्च त Rating:
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