श्रीनगर, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। विपक्षी दल नेशनल कांग्रेस (नेकां) और कांग्रेस के विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही में रोड़े अटकाए।
नेकां विधायक विरोध स्वरूप अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारे लिखे बैनर दिखाए। बैनरों पर लिखा था, “अनुच्छेद 35ए की रक्षा करो।” कांग्रेस विधायकों ने संविधान के अनुच्छेद 35ए की रक्षा के नारे लगाए और राज्य में दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने की मांग भी की।
नेकां विधायक देवेंद्र राणा ने विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता से प्रश्नकाल स्थगित करने और इसकी बजाय सदन में अनुच्छेद 35 ए पर चर्चा कराने की अनुमति मांगी।
अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने से संबंधित है।
पूर्व नेकां मत्री अली मुहम्मद सागर ने कहा, “हम सदन में बम या ग्रेनेड नहीं ला रहे हैं। हम अध्यक्ष से अनुच्छेद 35ए पर बोलने देने की इजाजत चाहते हैं और यह मांग भारतीय संविधान के तहत है।”
उन्होंने कहा, “आप सदन को मुख्यमंत्री (मुफ्ती मुहम्मद सईद) के दिशा-निर्देशों के अनुसार चला रहे हैं।”
राज्य के कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री सैयद बशारत बुखारी ने कहा कि अनुच्छेद 35ए को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है और नियमों के तहत इस पर सदन में किसी तरह की चर्चा कराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष के प्रश्नकाल आगे बढ़ाने का फैसला लेने पर नेकां और कांग्रेस विधायक उनकी आसंदी के पास आ जमे। सदन में मौजूद सुरक्षाकर्मी उन्हें सदन के बीचोंबीच आने और हंगामा करने से रोकने में नाकाम रहे।
अध्यक्ष ने नेकां विधायक अलताफ कालू को उनके अमर्यादित बर्ताव के लिए पूरे सत्र से निलंबित कर दिया। उन्हें मार्शल सदन से बाहर ले गए।
सदन में विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच मंत्रियों ने प्रश्नों का जवाब देना जारी रखा।