न्यूयार्क, 19 मई (आईएएनएस)। हाल के वर्षो में आए कुछ विनाशकारी तूफानों की वजह जलवायु परिवर्तन हो सकते हैं। एक नए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने यह बात कही है।
यह अध्ययन अमेरिका की अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में किया गया है। यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रोफेसर जिम एल्सनर ने कहा, “हमने कुछ मामूली तूफान देखे, लेकिन अब जो हम देख रहे हैं, वह कहीं ज्यादा शक्तिशाली तूफान है।”
शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि पिछले 30 सालों में तूफानों की तीव्रता औसतन 1.3 मीटर प्रति सेकंड या 4.8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ी है।
इस शोध से पहले वैज्ञानिकों के बीच इस बात को लेकर चर्चा हुई थी कि समुद्र के तापमान में गर्माहट से किस प्रकार तूफान की तीव्रता प्रभावित हो सकती है।
मौजूदा अध्ययन में शोधकर्ताओं ने हर साल आने वाले तूफानों की संख्या और उनकी प्रकृति के बारे में विस्तार से अध्ययन किया।
तूफान की उत्पत्ति तब होती है, जब समुद्री जल का तापमान 79 डिग्री फारेनहाइट (26.1 डिग्री सेल्सियस) से बढ़ जाता है। जैसे-जैसे गर्म जल वाष्प में बदलता है, यह प्रचंड तूफान के रूप में समाने आता है।
उच्च तापमान से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जो आखिर में हवाओं की गति को प्रभावित करता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि वार्षिक तापमान भी तूफान के खतरों को आंकने का अच्छा संकेत हो सकता है।
दक्षिण कोरिया के नेशनल टाइफून सेंटर के उप निदेशक नामयंग कांग ने कहा, “गर्म साल में शक्तिशाली मगर कम उष्णकटिबंधीय चक्रवात के आने की आशंका रहती है, जबकि ठंडे साल में कमजोर लेकिर ज्यादा उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की संभावना रहती है।”
यह अध्ययन जर्नल ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ में प्रकाशित हुआ है।