नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। जीई हेल्थकेयर ने ‘योग्य भारत’ निर्माण का एक मिशन शुरू किया है, जिसके तहत देश भर में स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी और एक लाख कामगारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह जानकारी कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में दी।
बयान के मुताबिक, संस्थान 12वीं पास योग्य छात्रों को मान्यता प्राप्त कौशल निर्माण कार्यक्रम मुहैया कराएंगा और मौजूदा पेशेवरों के लिए कौशल उन्नयन कार्यक्रम चलाया जाएगा। ऐसे कुछ शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान शुरू में मुंबई, ग्रेटर नोएडा, भटिण्डा और भुवनेश्वर में काम करने शुरू करेंगे।
प्रशिक्षित किए जाने वाले कामगारों में नए प्रशिक्षित, सहायक सेवाओं के लिए प्रमाणित, नौकरी पर रखने योग्य पेशेवर होंगे। पहले काम कर रहे पेशेवरों के कौशल भी निखारे जाएंगे।
जीई हेल्थकेयर ने पाठ्यक्रम का विकास कई क्षेत्रों के लिए किया है। इनमें इमेजिंग, मरीज की सुरक्षा, उन्नत मेडिकल डायगनोस्टिक और नेतृत्व विकास शामिल हैं। भारतीय राष्ट्रीय कौशल विकास निगम और हेल्थकेयर सेक्टर स्किल्स कौंसिल इन पाठ्यक्रमों को पारिभाषित करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और मान्यता प्राप्ति में सहायता कर रहा है।
नए उपक्रम पर जीई हेल्थकेयर को बधाई देते हुए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप चिनॉय ने कहा, “कुशल कामगार किसी भी देश के विकास की कुंजी हैं। आज की आवश्यकता है कि प्रशिक्षित प्रतिभा की नियमित आपूर्ति बनी रहे और यह प्रतिभा देश में स्वास्थ्य सेवा संरचना के विस्तार में मददगार हो।”
मिशन की घोषणा के इस मौके पर जीई हेल्थकेयर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन एल फ्लैनरी ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि एक लाख पेशेवरों को काम सिखाने से कौशल की कमी खत्म करने की सरकार की एक महžवपूर्ण प्राथमिकता में हम सहयोग कर सकेंगे।”
जीई हेल्थकेयर इंडिया के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी टेरी ब्रेसेनहम ने कहा, “स्वस्थ भारत के लिए एक कुशल भारत आवश्यक है। जीई हेल्थकेयर भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के विकास में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद करता है। हम इस क्षेत्र में सरकारी और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी के लिए तैयार हैं ताकि इस कोशिश को कामयाब बनाया जा सके।”
बयान में कहा गया है कि पीएचएफआई द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में इस समय स्वास्थ्य सेवा से संबंधित क्षेत्रों में पेशेवरों की आवश्यकता करीब 65 लाख की है जबकि आपूर्ति तीन लाख से भी कम है।
मुंबई में पहले संस्थान ने काम शुरू कर दिया है और इसे पूरी तरह जीई हेल्थकेयर धन मुहैया कराती है और चलाती है। छात्रों का पहला बैच यहां रेडियोलॉजी टेक्नालॉजिस्ट सर्टिफायड कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है।