पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर जेनेटिकली मोडिफाइ (जीएम) सरसों बीज के इस्तेमाल के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रूवल कमेटी (जीइएसी) द्वारा दी गई अनुमति को निरस्त करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि देश में गैर जीएम हाईब्रीड सरसों के बीज उपलब्ध हैं।
प्रधानमंत्री को शुक्रवार को लिखे पत्र में नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर जीएम सरसों के इस्तेमाल को अनुमति दी जाती है, तो अन्य जीएम हाइब्रीड फसलों की अनुमति का रास्ता खुलेगा। ऐसी फसलों के दुष्प्रभाव पूरी दुनिया में देखे जा रहे हैं। इसे देखते हुए भारत में इसे अनुमति नहीं देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय किसान स्वराज गठबंधन को दिए गए आश्वासन के बाद यह पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि जीएम व आर्गेनिक उत्पादन एक साथ संभव नहीं है। इसलिए यह देश के किसानों के लिए उपयोगी नहीं है। केंद्र को चाहिए कि वह परंपरागत कृषि विकास योजना के जरिए जैविक खेती पर ध्यान दे।
नीतीश ने लिखा है कि जीएम सरसोंपर्यावरण और मानव के हित में नहीं है। इससे शहद उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। बिहार में जैव विविधता है। राज्य सरकार जैविक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। जीएम फसल और जैविक खेती साथ-साथ नहीं चल सकती।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय किसान स्वराज गठबंधन का एक शिष्टमंडल पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर केंद्र सरकार की ओर से जीएम सरसों के व्यावसायिक खेती को दी जा रही मंजूरी पर रोक लगाने के लिए पहल करने की मांग की थी। शिष्टमंडल को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जीएम सरसों पर रोक लगाने का अनुरोध करेंगे, क्योंकि यह पर्यावरण व मानव के हित में नहीं है।
शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय की एक इकाई जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रूवल कमेटी में इसी महीने जीएम सरसों की मंजूरी की तैयारी चल रही है।