नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की अधिकतम सीमा 18 प्रतिशत रखने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि यह महंगाई को बढ़ाने वाला नहीं होना चाहिए। पार्टी ने सोमवार को कहा कि इस विधेयक को पारित कराने से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को कुछ ‘होमवर्क’ कर लेना चाहिए था।
पार्टी ने यह भी सुझाव दिया कि जीएसटी व्यवस्था को लागू करते समय मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम की इस मामले पर रपट को दिमाग में रखना चाहिए।
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य वीरप्पा मोइली ने मीडिया से यहां कहा, “इसकी अधिकतम सीमा 18 प्रतिशत रखा जाना चाहिए। उससे अधिक जीएसटी पर रोक लगे।”
उन्होंने कहा, “किसी भी सुधार का स्वागत है, लेकिन सरकार को यह दिमाग में रखना चाहिए कि पूरी दुनिया में इस तरह के कानून नाकाम रहे हैं, क्योंकि वे महंगाई बढ़ाने वाले हो गए। इसलिए कर की दर आम आदमी के हित को ध्यान में रखकर तय की जानी चाहिए।”
कांग्रेस नेता ने यह भी दोहराया कि पार्टी की दूसरी मांग यह है कि इसे लागू करने के लिए दूसरे सीजीएसटी एवं आईजीएसटी को सदन में वित्त विधेयक के रूप में लाया जाए, धन विधेयक के रूप में नहीं।
इस तरह के विधेयक को पारित करने से पहले पूरे देश को विश्वास में लिया जाना चाहिए। यही कारण है कि इस तरह के विधेयक को धन विधेयक के रूप में नहीं लाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि हम जीएसटी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसे बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था।
संशोधित जीएसटी विधेयक पिछले हफ्ते राज्यसभा से पारित हुआ था। इस पर सोमवार को लोकसभा में चर्चा चल रही है और इसके आसानी से पारित हो जाने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार को निचले सदन में पूर्ण बहुमत हासिल है।