अंताल्या, 16 नवंबर (आईएएनएस)। जी-20 देशों ने आतंकवादियों तक पहुंचने वाले धन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का सोमवार को फैसला किया है।
जी-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “हमने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से कहा है कि वह हमारे वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को 2016 की पहली बैठक में रपट दें। इसमें बताएं कि आंतकवाद को मिलने वाले धन को रोकने में कमजोरियों को देश किस तरह से हल कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 के रात्रि भोज में ‘ग्लोबल चैलेंज-टेरररिज्म एंड रिफ्यूजी क्राइसिस’ में कहा कि आतंकवाद मुख्य वैश्विक चुनौती है और इसे समर्थन तथा प्रायोजित करने वालों को अलग-थलग किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस बात कि जरूरत है कि आतंकवादियों को मिलने वाले धन की आपूर्ति रोकी जाए। आतंकियों के आवागमन को बाधित किया जाए और आतंकवाद को धन देने वालों से निपटा जाए।
एफएटीएफ एक अंतरसरकारी संस्था है। इसका काम मनी लांड्रिंग, आतंकवाद के वित्त पोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के सामने पेश खतरों से निपटने के वैधानिक और अन्य तौर तरीकों को निर्देशित करना है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक स्थाई अंतर्राष्ट्रीय मजबूत वित्तीय संरचना वित्तीय स्थायित्व के साथ ही स्थाई और संतुलित विकास के लिए जरूरी है।