लोउ ने इस प्रगति को ‘मील का पत्थर’ करार देते हुए कहा कि जी-20 सदस्यों के वित्तीय और केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने संरचानात्मक सुधार के लिए नौ प्राथमिकताओं और 48 सिद्धांतों को चिह्न्ति किया है।
नीति-निमार्ताओं ने विकास व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए पहली बार मौद्रिक, वित्तीय और संरचनात्मक सुधार का प्रस्ताव दिया। उन्होंने विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में सुधारों पर भी सहमति जताई।