नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। तेल एवं गैस सेक्टर में भारत की खोज व उत्पादन गतिविधियों में अपना योगदान देने के लिए जीई ने लार्सेन एंड टर्बो (एलएंडटी) की पूर्ण अधिग्रहीत इकाई एलएंडटी हाइड्रो कार्बन इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते के तहत दोनों कंपनियां मिलकर भारत के पूर्वी तट पर कृष्णा-गोदावरी बेसिन में गहरे जल की परियोजनाओं के लिए सब-सी मैनिफोल्ड्स के निर्माण में साझेदारी करेंगी। इस साझेदारी के द्वारा तेल एवं गैस के क्षेत्र में दो अग्रणी कंपनियों की विनिर्माण एवं तकनीकी विशेषज्ञता के साथ भारत स्थानीय समुद्री उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में प्रवेश कर जाएगा।
तमिलनाडु में 600,000 स्कवायर मीटर से अधिक क्षेत्र में फैली एवं 50,000 मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाली एलएंडटी की मॉड्युलर फैब्रिकेशन इकाई में इन उपकरणों का निर्माण किया जाएगा। यह संयंत्र 150 मी. जेट्टी के साथ उन्नत वेल्डिंग एवं फैब्रिकेशन सुविधाओं से सुसज्जित है और समुद्री तल के लिए आधुनिक हार्डवेयर के निर्माण के लिए उत्तम स्थान है।
जीई-ऑयल एंड गैस मुख्य कार्यकारी अधिकारी (दक्षिण एशिया) आशीष भंडारी ने कहा, “जीई भारत में अपने व्यापक निर्माण कार्य का विकास कर रहा है। यह नया सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में हमारा एक और योगदान होगा। एलएंडटी के साथ हमारी साझेदारी ने हमारे लिए अत्याधुनिक उपकरणों के निर्माण के क्षेत्र में नए आयाम खोल दिए हैं, जिनसे भारत के तेल एवं गैस सेक्टर और व्यापक वैश्विक उद्योग की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकेगी।”
इस बारे में एलएंडटी हाइड्रो कार्बन इंजीनियरिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सुब्रमण्यम शर्मा ने कहा, “जीई के साथ सहयोग एलएंडटी को गहरे जल के क्षेत्र में अपनी पेशकशों के विस्तार में मदद करेगा। इससे हम अपने उपभोक्ताओं को बेहतर उपयोगिता के उत्पाद प्रदान कर सकेंगे। इस तरह के सामरिक महत्व एवं पैमाने की परियोजनाएं काफी बड़ी जिम्मेदारी लेकर आती हैं और हम भारत के विकासपथ पर बड़ा योगदान देने के लिए तैयार हैं।”