नाईक गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान परिसर में जैन मिलन लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश जैन शोध संस्थान द्वारा आयोजित विश्व मैत्री दिवस पर प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली के निदेशक डॉ. ऋषभचंद्र जैन को ‘विश्व मैत्री सेवा सम्मान-2016’ से सम्मानित करने के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे।
नाईक ने कहा कि जैन समाज से मेरा पुराना संबंध रहा है। यह समाज अपने सामाजिक सरोकार के माध्यम से बिना अहंकार के प्रेरणा देता है। जैन समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि लगातार 12 साल से जैन समाज सम्मान समारोह का आयोजन करता आ रहा है जो वास्तव में अभिनंदनीय है।
राज्यपाल ने कहा कि मन को शांति देने वाले विचारों में जैन, बौद्ध व सनातन धर्म का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत वसुधैव कुटुम्बकम यानि पूरा विश्व एक परिवार है, की परंपरा पर विश्वास करता है। छोटे मन वाले तेरा-मेरा का विचार करते हैं, परंतु उदार चरित्र वाले पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जैन धर्म के विचारों को समझने की जरूरत है।
डॉ. ऋषभचंद्र द्वारा जैन विधा पर 35 पुस्तकों का लेखन और संपादक किया जा चुका है तथा उन्हें अनुसंधान का भी लंबा अनुभव रहा है। उन्हें इससे पूर्व अनेक सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं।