नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली मेट्रो ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि ट्रेनों की आवाजाही में बढ़ोतरी करना संभव नहीं है, क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा खर्च आएगा।
सॉलिसिटर जनरल रणजीत कुमार ने शीर्ष अदालत की मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर और न्यायधीश आर. बानुमति की पीठ को बताया कि वर्तमान में हर 2.15 मिनट की बजाए हर 90 सेकेंड पर मेट्रो ट्रेन चलाने में बुनियादी संरचना में बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत होगी।
शीर्ष अदालत दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मामले पर कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। हालांकि सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि दिल्ली मेट्रो अपने कोचों की संख्या बढ़ा रही है और वर्तमान के छह कोचों की बजाए आठ कोचों वाली ट्रेन ला रही है।
उन्होंने अदालत को बताया कि दिल्ली मेट्रो 429 अतिरिक्त कोचों का आर्डर दे चुकी है। वर्तमान में दिल्ली मेट्रो के पास 1,282 कोच हैं। उन्होंने कहा कि ये 429 अतिरिक्त कोच मेट्रो के तीसरे चरण में इस्तेमाल किए जाएंगे जिसका काम दिसंबर 2016 से दिसंबर 2017 के बीच पूरा हो जाएगा।