नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के भारी भरकम कर्ज का स्थायी समाधान करने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं। यह बात मंगलवार को केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कही।
गोयल ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बायोगैस सम्मेलन के इतर मौके पर कहा, “(राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ) हमारी बैठक काफी अच्छी रही। राज्य और केंद्र मिलकर काम कर रहे हैं। राज्य भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक हैं।”
उन्होंने कहा, “दो से तीन साल में डिस्कॉम की समस्या बीते दिनों की बात हो जाएगी।”
उन्होंने कहा, “सभी राज्यों ने उनके विचार को समर्थन दिया है।”
सरकारी कंपनियों पर तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की पृष्ठभूमि में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस मुद्दे के समाधान के लिए एक बैठक हुई। यह जानकारी यहां एक आधिकारिक सूत्र से आईएएनएस को मिली।
केंद्र सरकार के अनुरोध पर विश्व बैंक के द्वारा कराए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि बिजली क्षेत्र में भारत की अच्छी प्रगति के बाद भी वितरण एक कमजोर कड़ी बना हुआ है।
बैंक के मुताबिक, इस क्षेत्र का कुल घाटा 2013 के आखिर में 2,90,000 करोड़ रुपये था, जो देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का 30 फीसदी है।
अध्ययन के मुताबिक, इस घाटे की बदौलत बिजली क्षेत्र पर कुल कर्ज बढ़कर पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। वित्तीय समस्या की वजह से कई वितरण कंपनियां बिजली नहीं खरीद पा रही हैं।
गोयल ने गत महीने कहा था कि वितरण कंपनियों को बेलआउट करने के लिए केंद्र सरकार बेलआउट बैंक की भूमिका नहीं निभा सकती और राज्य सरकर को इस संकट के समाधान का रास्ता निकालना होगा।