ताइपे, 1 फरवरी (आईएएनएस)। ताइवान के संसदीय इतिहास में सोमवार को एक नया अध्याय जुड़ा। संसद में राष्ट्रवादी कुओमिंतांग पार्टी (केएमटी) का 60 साल से चला आ रहा वर्चस्व खत्म हो गया और उसकी जगह आजादी समर्थक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) ने ले ली। डीपीपी को 16 जनवरी को हुए आम चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला है।
ताइपे, 1 फरवरी (आईएएनएस)। ताइवान के संसदीय इतिहास में सोमवार को एक नया अध्याय जुड़ा। संसद में राष्ट्रवादी कुओमिंतांग पार्टी (केएमटी) का 60 साल से चला आ रहा वर्चस्व खत्म हो गया और उसकी जगह आजादी समर्थक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) ने ले ली। डीपीपी को 16 जनवरी को हुए आम चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला है।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, नई संसद में सांसदों ने शपथ ली। उन्होंने केएमटी के वांग जिन-पाइंग को हटाकर डीपीपी के सु जिया-चियुआन को सदन का नया अध्यक्ष चुना। सु जिया-चियुआन लैजिसलैटिव युआन के अध्यक्ष पद पर 17 सालों से विराजमान थे।
ताइवान की नई राष्ट्रपति साई इंग-वेन होंगी। उनके नेतृत्व में डीपीपी को अब अपने वादे के अनुरूप विधायी, न्यायिक, आर्थिक और सामाजिक सुधार करने हैं।
113 सदस्यीय विधायिका में केएमटी के सदस्यों की संख्या 64 से घटकर 35 रह गई है। डीपीपी ने चुनाव में 68 सीटें जीती हैं। सदन में महिला सांसदों की संख्या 43 है। 113 सांसदों में से 27 पीएचडी डिग्री धारी हैं और 58 के पास मास्टर्स डिग्री है। सांसदों की औसत आयु 50 वर्ष है।