ग्वालियर, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। मोहनवीणा वादक पं़ विश्वमोहन भट्ट ने ‘राष्ट्रीय तानसेन सम्मान’ से सम्मानित किए जाने पर कहा है कि ‘यह सम्मान मेरे लिए ग्रेमी अवार्ड से कम नहीं है।’ भट्ट को बुधवार की शाम तानसेन समारोह के शुभारंभ मौके पर वर्ष 2013-14 के राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से सम्मानित किया गया।
मोहनवीणा वादक पं़ भट्ट को अलंकरण के रूप में दो लाख रुपये की सम्मान राशि, प्रशस्ति पट्टिका व शॉल-श्रीफल महिला एवं बाल विकास मंत्री माया सिंह एवं विधायक जयभान सिंह पवैया सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से प्रदान किया।
इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर तानसेन समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। संस्कृति विभाग के अपर सचिव राजेश मिश्रा ने राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण से पहले पं़ विश्वमोहन भट्ट के सम्मान में ‘तानसेन अलंकरण पत्र’ का वाचन किया।
भट्ट ने कहा, “तानसेन सम्मान पाकर मैं अभिभूत हूं। मुझे विश्व स्तर पर ग्रेमी अवार्ड मिला है, पर यह सम्मान मेरे लिए ग्रेमी अवार्ड से कम नहीं। इसके लिए उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के प्रति धन्यवाद जाहिर किया।”
उन्होंने कहा कि कला एवं संगीत के संरक्षण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास सराहनीय है। यदि सभी राज्य ऐसा करें तो भारतीय शास्त्रीय संगीत को और भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
पं़ भट्ट ने आगे कहा कि हर कलाकार के जीवन में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जो जिंदगी भर याद रहते हैं। आज का यह क्षण मेरे लिए ऐसा ही है। उन्होंने तानसेन सम्मान को अपनी मां चंद्रकला को समर्पित करते हुए कहा, “उन्हीं की गोद में मैंने संगीत का ककहरा सीखा।”
पं़ भट्ट ने यह भी कहा कि कलाकार का सदैव ध्येय रहता है कि वह श्रोताओं के मन में शांति, सद्भाव व प्यार भर सके और अपने चंचल मन पर काबू पाकर श्रोताओं का मन जीत सके।