हड़ताल बुलाने वाली राष्ट्रीय खदानकर्मी संघ (एनयूएम) ने कहा है कि करीब 30,000 खदानकर्मी हड़ताल में शामिल हैं, जिससे दक्षिण अफ्रीका में कोयला उत्पादन के लगभग रुक जाने की आशंका है।
एनयूएम ने नियोक्ताओं द्वारा खदानकर्मियों के लिए तय न्यूनतम वेतन में 1,000 रैंड (करीब 73 डॉलर) की वृद्धि किए जाने की मांग ठुकराए जाने के कारण बाद हड़ताल का आह्वान किया। नियोक्ता इसके बदले 300 रैंड की वृद्धि देना चाह रहे थे।
यह हड़ताल ऐसे समय में हुआ है जब दक्षिण अफ्रीका गंभीर बिजली संकट से गुजर रहा है। दक्षिण अफ्रीका बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर अत्यधिक निर्भर है और इस हड़ताल से संकट के और गहराने की आशंका है।
एनयूएम के प्रवक्ता नेल्सन राटशोशी ने कहा कि वे हड़ताल से पड़ने वाले असर को समझ रहे हैं। उन्होंने कहा, “इससे निवेशकों पर असर पड़ेगा, क्योंकि किसी भी तरह के हड़ताल का सीधा असर निवेशकों पर पड़ता है। यहां तक इक इस समय देश गंभीर आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है।”
खदान उद्योग मंडल के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका बिजली उत्पादन के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयला खनन कर लेता है। दक्षिण अफ्रीका कुल बिजली उत्पादन के लिए जरूरी कोयले का 94 फीसदी हिस्सा खुद खनन कर लेता है।
दक्षिण अफ्रीका दुनिया के शीर्ष पांच कोयला निर्यातक देशों में है और कोयला खनन उद्योग में सीधे-सीधे 90,000 लोगों को रोजगार देने वाला है।