Sunday , 19 May 2024

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दक्षिण एशिया के लिये खतरा बन चुका है अल-कायदा

images (1)ओसामा बिन लादेन की मौत के तीन साल बाद अल कायदा दक्षिण एशिया में कमजोर हुआ है. उसने अपना ध्यान मध्यपूर्व पर केंद्रित किया है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वह इलाके में दूसरे कट्टरपंथी इस्लामी गुटों के साथ काम कर रहा है.वॉशिंगटन ने अल कायदा के खिलाफ संघर्ष में जीत का दावा किया, जिसने करीब दो दशकों के दौरान उसे काफी नुकसान पहुंचाया था. लेकिन क्या बिन लादेन की मौत का अल कायदा की गतिविधियों पर कोई असर हुआ है? क्या वह दक्षिण एशिया में अब उतना मजबूत और खतरनाक नहीं रह गया है जितना वह तीन साल पहले संगठन के प्रभावशाली नेता के मारे जाने से पहले था?अल कायदा बिन लादेन की मौत से पहले ही काफी कमजोर हो गया था. खान का मानना है कि पाकिस्तान के कबायली इलाकों में नियमित अमेरिकी ड्रोन हमले उस इलाके में अपनी गतिविधियां घटाने के अल कायदा के फैसले की मुख्य वजहों में शामिल थे, “ड्रोन हमलों और पाकिस्तानी सेना के अपने अभियानों ने इलाके में अल कायदा की आवाजाही को मुश्किल बना दिया.”राष्ट्रपति बराक ओबामा की सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद अल कायदा की दिलचस्पी इस इलाके में कम हो गई. लंदन में रहने वाले काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट गफ्फार हुसैन खान की बात से सहमत हैं, “एफ-पाक इलाके में रहने वाले अल कायदा के सीनियर नेतृत्व का, जो वैश्विक जिहादी आंदोलन का नेतृत्व कर रहा था, अपने नेता की मौत से पहले ही सफाया हो चुका था.”

राष्ट्रपति बराक ओबामा की सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद अल कायदा की दिलचस्पी इस इलाके में कम हो गई. लंदन में रहने वाले काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट गफ्फार हुसैन खान की बात से सहमत हैं, “एफ-पाक इलाके में रहने वाले अल कायदा के सीनियर नेतृत्व का, जो वैश्विक जिहादी आंदोलन का नेतृत्व कर रहा था, अपने नेता की मौत से पहले ही सफाया हो चुका था.”

दक्षिण एशिया के लिये खतरा बन चुका है अल-कायदा Reviewed by on . ओसामा बिन लादेन की मौत के तीन साल बाद अल कायदा दक्षिण एशिया में कमजोर हुआ है. उसने अपना ध्यान मध्यपूर्व पर केंद्रित किया है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वह इल ओसामा बिन लादेन की मौत के तीन साल बाद अल कायदा दक्षिण एशिया में कमजोर हुआ है. उसने अपना ध्यान मध्यपूर्व पर केंद्रित किया है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वह इल Rating:
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