लखनऊ/लखीमपुर खीरी, 30 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी किंजल सिंह और दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के कर्मचारियों के बीच पिछले कई दिनों से चल रहा विवाद अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दरबार में पहुंच गया है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने दोनों पक्षों को तलब कर सोमवार को बातचीत की।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने किंजल सिंह और दुधवा नेशनल पार्क के उप निदेशक पी.पी. सिंह से मुलाकात कर उनका भी पक्ष जाना। अब वह अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजेंगे।
इस बीच जिलाधिकारी किंजल सिंह के रवैये से भड़के दुधवा के कर्मचारी लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। आंदोलन की धार तेज करते हुए कर्मचारियों ने पलिया स्थित दुधवा मुख्यालय के सभी दफ्तरों में ताले जड़ दिए हैं।
ज्ञात हो कि किंजल सिंह के खिलाफ दुधवा के कर्मचारी और अफसर लामबंद हैं। तीन दिन पहले फेडरेशन ऑफ फारेस्ट ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में डीएम पर कई संगीन आरोप लगाए थे। कर्मचारी संगठन का आरोप है कि डीएम अक्सर रात को पार्क एरिया में पहुंच जाती हैं और बैरियर तोड़कर प्रतिबंधित एरिया में घूमती हैं।
आरोप यह भी था कि डीएम के काफिले के वाहनों के शोर और तेज ध्वनि से वन्यजीवों में खलल पड़ता है। पार्क कर्मचारियों ने एक बाघिन के पार्क क्षेत्र से निकलकर आबादी में पहुंच जाने के पीछे भी डीएम की कार्यशैली को जोड़ दिया।
दुधवा नेशनल पार्क के अधिकारियों की मानें तो पार्क व डीएम के बीच चल रहा आरोप-प्रत्यारोप अगर जल्द ही खत्म न हुआ तो इसका असर इसी सत्र में पर्यटकों की सुविधा के लिये शुरू की गई ऑनलाइन बुकिंग पर भी दिख सकता है।
वहीं मुख्यालय परिसर में बने बुकिंग काउंटर पर भी दिन भर सन्नाटा पसरा रहा, जिसके चलते दूरदराज से आए कई पर्यटकों को निराश होकर वापस जाना पड़ा।