हिसार (हरियाणा), 4 अक्टूबर –वह अरबों रुपये के उद्योग की मालकिन हैं, उद्योगपति सह राजनेता नवीन जिंदल सहित नौ बच्चों की मां हैं। वह देश की सबसे अमीर महिला हैं, लेकिन जब हरियाणा के हिसार विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए निकलती हैं, तो आम लोगों जैसी ही दिखती हैं। कोई तामझाम नहीं।
सावित्री जिंदल (64) अक्सर साधारण सी साड़ी में नजर आती हैं। यह सिर्फ उनके चुनाव प्रचार का ही हिस्सा नहीं होता। हरियाणा सरकार की मंत्री रहते हुए भी वह हमेशा साधारण लिबास में रहती हैं।
चुनाव रैली हो या फिर घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने की बात, वह कोशिश करती हैं कि उनके सिर पर ‘पल्लू’ हमेशा बना रहे। अपनी जनता से जुड़ने के लिए वह अपने भाषण में सामान्य शब्दों का इस्तेमाल करती हैं।
सावित्री ने अपने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “अन्य पार्टियां या नेता बड़ी बड़ी बात कर सकते हैं, लेकिन आप सभी ने 2005 और 2009 में मुझे समर्थन दिया। हमारी सरकार ने पिछले साढ़े नौ सालों में विकास के काफी काम किए हैं। मैं आपसे मुझे और कांग्रेस को वोट देने की अपील करती हूं ताकि हम भविष्य में भी इलाके का विकास कर सकें।”
वह विश्व की शीर्ष 100 अमीर महिलाओं की सूची में भी शामिल हैं।
सावित्री ओ.पी.जिंदल समूह की अध्यक्ष हैं जो इस्पात, विद्युत और खनन क्षेत्र में काम करती हैं। उन्हें 2008 में फोर्ब्स पत्रिका ने भारत की सबसे अमीर महिलाओं की सूची में शीर्ष स्थान दिया था।
उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों में 12वां स्थान दिया गया, जिनकी कुल संपत्ति 6.4 अरब डॉलर है। इस सूची में मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, अप्रवासी भारतीय लक्ष्मी मित्तल भी शामिल हैं।
सावित्री के रहन-सहन से भले ही कई लोग प्रभावित हों, लेकिन उन्हें हिसार सीट से कड़ा मुकाबला मिल रहा है।
उनके हाईप्रोफाइल बेटे नवीन भी उनके लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं।
नवीन ने कहा, “हमने हाल के सालों में काफी काम किया है, लेकिन इसका हमने कभी प्रचार नहीं किया। मुझे लगता है कि लोग कांग्रेस के साथ हैं।”
आधिकारिक ब्योरे के अनुसार, तिनसुकिया (असम) में एक व्यवसायी के घर में जन्मीं सावित्री चार बेटों और पांच बेटियों की मां हैं। उन्हें किताबें पढ़ने, टेलीविजन देखने और खाना बनाने का शौक है।
सावित्री भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार में पिछले साल अक्टूबर में दूसरी बार मंत्री बनाई गई थीं।
उनके पति उद्योगपति-राजनीतिज्ञ ओ.पी.जिंदल का मार्च 2005 में हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा पर एक विमान हादसे में निधन हो गया था।
सावित्री उस वक्त विवादों में घिरीं, जब 2013 की शुरुआत में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने उनसे सरकारी बंगले को खाली करने के आदेश दिए, जिसमें वह वर्ष 2009 में मंत्री पद से हटने के बावजदू रह रही थीं।