नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गिरजाघरों की सुरक्षा पर एक याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में किसी भी धार्मिक जगह पर हमला नहीं होना चाहिए।
गिरजाघरों पर लगातार हो रहे हमलों के मद्देनजर, उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर ईसाइयों के धार्मिक अधिकारों का संरक्षण तथा अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग की गई।
वहीं केंद्र सरकार ने याचिका को सांप्रदायिक करार देते हुए कहा, “यह (याचिका) केवल गिरजाघरों से ही संबद्ध क्यों होना चाहिए, बिना धार्मिक भेदभाव के सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जानी जाहिए।”
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल ने कहा, “चाहे वह गिरजाघर, मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा हो, हमें सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।”
गृह मंत्रालय की तरफ से न्यायालय में पेश हुए वकील अनिल सोनी ने सवाल किया कि यह याचिका केवल गिरजाघरों तक ही क्यों सीमित है। उन्होंने कहा, “मंदिरों, मस्जिदों या गुरुद्वारों पर भी हमले हुए हैं। इसपर कोई कुछ नहीं कहना चाहता। आपको (याचिकाकर्ता) सभी धर्मो की चिंता होनी चाहिए।”
सुनवाई के दौरान हमले पर न्यायालय ने दुख जताते हुए कहा, “यह ऐसी चीज है, जिससे हर किसी को दुख पहुंचता है। किसी भी धार्मिक जगह पर कोई हमला नहीं होना चाहिए।”
न्यायाधीश ने कहा, “हजारों साल से हम एक दूसरे के साथ सद्भावना से रहते आए हैं। यदि हम एक देश के रूप में जीवित रहना चाहते हैं, तो हमें सामंजस्य बनाए रखना होगा।”
यह कहते हुए कि यह मुद्दा महत्वपूर्ण है, न्यायालय ने याचिका को मुख्य न्यायाधीश की रोस्टर पीठ को स्थानांतरित कर दिया। मामले की सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।