नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। विशेषज्ञों का मानना है कि नए आयकर रिटर्न फार्म के पीछे भले ही सरकार का इरादा काले धन पर शिकंजा कसने का हो, लेकिन यह फार्म रिटर्न दाखिल करने को अधिक बोझिल भी बनाएगा। सरकार ने नए आयकर रिटर्न फॉर्म में बैंक खातों और विदेशी दौरों की पूरी जानकारी का खुलासा करना अनिवार्य किया है।
नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। विशेषज्ञों का मानना है कि नए आयकर रिटर्न फार्म के पीछे भले ही सरकार का इरादा काले धन पर शिकंजा कसने का हो, लेकिन यह फार्म रिटर्न दाखिल करने को अधिक बोझिल भी बनाएगा। सरकार ने नए आयकर रिटर्न फॉर्म में बैंक खातों और विदेशी दौरों की पूरी जानकारी का खुलासा करना अनिवार्य किया है।
भारत में अंतर्राष्ट्रीय लेखा कंपनी केपीएमजी के साझेदार विनीत अग्रवाल ने निर्धारण वर्ष 2015-16 में लागू केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा अधिसूचित नियमों की ओर इशारा करते हुए कहा, “आयकर दाखिल करने के लिए खोले गए और बंद किए गए खातों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है।”
उन्होंने कहा, “काफी लोगों के पास कई बैंक खाते हैं। इनमें से कुछ बैंक खातों को वह निष्क्रिय कर देते हैं। इन निष्क्रिय खातों की जानकारी ऑनलाइन आयकर जमा करते समय देनी होगी।”
चार्टर्ड अकाउंटेंट संदीप कनोई के मुतबिक, “लेकिन अभी भी एक संदेह है। इनका खुलासा करने के समय एक प्रश्न को स्पष्ट करने की जरूरत है। क्या सभी बैंक खातों में बचत और चालू खातों के अलावा आवर्ती जमा, सावधि जमा, ऋण खातों को भी शामिल किया गया है।”
नए नियमों के मुताबिक, बैंक का नाम, खाता संख्या, उसका पता, भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (आईएफएससी कोड) और अन्य संभावित संयुक्त खाताधारकों को खुलासा करना जरूरी है। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद कागजी रूप में इसे भेजने की मांग को पूरा नहीं किया गया है।
विदेशी यात्राओं में आवेदक का पासपोर्ट नंबर और एक वित्त वर्ष में किसी देश की यात्रा करने और विभिन्न देशों में यात्रा की संख्याओं सहित इन पर हुए खर्चो का भी पूर्ण ब्यौरा देना होगा।
आयकर रिटर्न दाखिल करते समय कुछ महत्वपूर्ण खुलासे निम्नलिखित हैं।
– खाते की स्थिति का उल्लेख : मालिक, लाभकारी मालिक या लाभार्थी।
– खाता खोलने की तिथि, कब तक खाता सक्रिय रहा और धन प्राप्ति की तारीख।
– संपत्तियों सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय की जानकारी।
– करयोग्य राशि का उल्लेख।
– देश से बाहर किसी अन्य स्रोत से अर्जित आय की विस्तृत जानकारी
– आधार नंबर (यदि है)।
– छोटी अवधि और लंबी अवधि पर अर्जित लाभ की विस्तृत जानकारी।
– अन्य देशों के साथ विभिन्न कर संधियों के इस्तेमाल से कर में राहत के दावे का उल्लेख।
– कागजी रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करने की हस्ताक्षर कॉपी।