नई दिल्ली, 15 मई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार तथा उपराज्यपाल को शुक्रवार को नोटिस जारी किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय राजधानी के तीन नगर निगमों को कार्य करने के लिए वित्तीय आवंटन का निर्देश देने की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी।
न्यायाधीश राजीव शकधर ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार तथा उप राज्यपाल नजीब जंग से इस मामले पर 24 जुलाई तक जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता विधायक गुप्ता ने दिल्ली के चौथे वित्त आयोग की रपट को तत्काल लागू करने के लिए न्यायालय से दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की है। इस आयोग का गठन साल 2009 में दिल्ली के कुल राजस्व में नगर निगम की हिस्सेदारी पर फैसले के लिए किया गया था।
याचिका के मुताबिक, आयोग ने अपनी रपट साल 2013 में दाखिल कर दी थी, जिसका क्रियान्वयन अभी तक नहीं हुआ है।
गुप्ता की तरफ से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ वकील बिजेंद्र चारा और वकील सुशील कुमार पांडे ने दलील दी कि वित्तीय स्वतंत्रता तथा नगर निगमों द्वारा सुचारू रूप से काम करना सुनिश्चित करने के लिए सरकार तथा नागरिक एजेंसियों के बीच फंड का समान वितरण आवश्यक है।
याचिका के मुताबिक, “फंड की कमी से नगर निकाय के सुचारू रूप से कार्य करने में बाधा आई है और आगे भी आती रहेगी। ये नगर निकाय उत्तरी दिल्ली नगर निगम तथा पूर्वी दिल्ली नगर निगम हैं, जहां दिल्ली की 80 फीसदी आबादी रहती है।”
याचिका में आगे कहा गया है कि वित्तीय संकट से विकास के सभी कार्य रुक गए हैं।
याचिका में दिल्ली सरकार को विधानसभा का आपात विशेष सत्र बुलाने का निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि रपट को शीघ्र पेश किया जा सके।