वाशिंगटन, 19 मार्च (आईएएनएस)। खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा के निकट एक छोटी सी आकाशगंगा में दस लाख से ज्यादा युवा तारों की खोज की है, जिनका निर्माण गर्म तथा आणविक गैसों के धूल भरे बादलों में हो रहा है।
इन तारों के गुच्छे एक बौनी आकाशगंगा में सुपरनेबुला के भीतर मौजूद हैं।
इन तारों के गुच्छों की चमक सूर्य से एक अरब गुनी ज्यादा है, लेकिन यह दिखता नहीं, क्योंकि ये गर्म गैसों से घिरे हैं।
लॉस एंजेलिस स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भौतिकी तथा खगोल विज्ञान के प्रोफेसर व मुख्य लेखक जीन टर्नर ने कहा, “हम स्टारडस्ट हैं और तारों का यह गुच्छा तारे और कालिख का एक कारखाना है।”
इन तारों के चारों ओर धूल की मात्रा सूरज के भार से लगभग 15 हजार गुनी ज्यादा है, जिसमें कार्बन तथा ऑक्सीजन जैसे तत्व हैं।
युवा तारों का यह गुच्छा लगभग 30 लाख वर्ष पुराना है।
संभावना है कि ये तारे अरबों साल से ज्यादा समय तक जिंदा रहेंगे।
टर्नर ने कहा कि आकाशगंगा में अभी भी तारों का निर्माण हो रहा है, लेकिन उतनी संख्या में नहीं।
कुछ खगोलविदों का मानना है कि तारों के ये विशाल गुच्छे ब्रहांड की शुरुआत में ही बने हैं।
गुच्छे में सात हजार से ज्यादा भारी ‘ओ’ तारे हैं, जो सभी तारों में सबसे अधिक चमकदार होते हैं। प्रत्येक तारा सूरज से दस लाख गुना ज्यादा चमकदार होता है।