नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने मिशन इंद्रधनुष शुरू करने से पहले उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। मिशन इंद्रधनुष एक टीकाकरण अभियान है, जिसका उद्देश्य सात बीमारियों से सभी बच्चों का बचाव करना है।
इन राज्यों में उत्तर प्रदेश के अलावा, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र शामिल हैं।
नड्डा ने आईएएनएस को बताया, “मैंने लगभग उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर ली है, जहां मिशन इंद्रधनुष शुरू किए जाने हैं। मैंने मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को इससे जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।”
उन्होंने कहा, “हालांकि, हमारा प्रतिरक्षण कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है। लेकिन अभी भी हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि इस टीके से कोई भी बच्चा छूटे नहीं। यह हर बच्चे का अधिकार है कि उसका पूरी तरह बचाव हो। इसी सपने को वास्तिवकता में बदलने के लिए हमने मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की है।”
इस परियोजना में 2020 तक सभी बच्चों को टीका लगाने का उद्देश्य रखा गया है। इसमें वे बच्चे शामिल हैं, जिनका या तो टीकाकरण नहीं हुआ है या वे आंशिक रूप से टीकाकृत हैं।
नड्डा ने कहा, “इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह यह कार्यक्रम टीकों से रोकी जा सकने वाली सात बीमारियों से सभी बच्चों का बचाव करेगा। शुरुआत में हमने सात से 14 अप्रैल तक 28 राज्यों के 201 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों को शामिल किया है। बच्चों के वैश्विक बचाव की दिशा में यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। क्योंकि इन 201 जिलों में देश के लगभग 50 प्रतिशत आंशिक रूप से प्रतिरक्षित या अप्रतिरक्षित बच्चे हैं।”
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस कार्यक्रम की तीन स्तरों पर निगरानी की जाएगी, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की एक टीम और उसके सहयोगी संगठन इसके संचालन पर नजर रखेंगे। यूनीसेफ और सहयोगी संगठनों का एक दल संचार निगरानी रखेंगे।
इसके अलावा इन सभी 201 जिलों में गतिविधियों की छानबीन के लिए राष्ट्रीय स्तर के 201 जांचकर्ताओं का एक दल गठित किया गया है।
भारत में डब्लूएचओ का कार्यालय 28 राज्यों और 201 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में इस मिशन की तैयारियों में जुटा है।