लखनऊ, 17 फरवरी (आईएएनएस)। गंगा, यमुना, गोमती और क्षिप्रा समेत देश की अन्य नदियों की दुर्दशा से पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद दुखी हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है।
स्वामी अधोक्षजानंद बुधवार को कुछ समय के लिए राजधानी लखनऊ में थे। इस दौरान पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने गंगा की स्वच्छता की खूब कसमें खाईं लेकिन सरकार बनने के बाद अभी तक इस दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं दिख रहा है।
एक सवाल के जवाब में जगद्गुरु शंकराचार्य ने यमुना और गोमती नदी में भी बढ़ रहे प्रदूषण पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नदियों की सफाई के लिए केंद्र सरकार को ठोस कार्ययोजना बनानी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में चल रहे माघ मेले के दौरान अस्थाई रूप से गंगा में पानी की मात्रा बढ़ा दी जाती है, लेकिन यह नाकाफी है। गंगा की स्वच्छता के लिए उसी धारा को अविरल बनाना होगा और यह कार्य केंद्र सरकार ही कर सकती है।
शंकराचार्य ने बताया कि अभी हाल में वह उज्जैन गए थे। वहां अप्रैल-मई में महाकुंभ का आयोजन होना है। लेकिन, वहां भी क्षिप्रा की हालत बड़ी ही खराब है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है कि महाकुंभ के पहले क्षिप्रा की स्वच्छता सुनिश्चित की जाए ताकि वहां पहुंचने वाले लाखों लोगों की आस्था को और मजबूती मिल सके।
उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा है कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को निर्देश दें कि उज्जैन महाकुंभ के दौरान साधु, संतों व अन्य श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधाएं प्रदान करें।
स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ बुधवार को राजधानी स्थित जल निगम के अतिथि गृह में थोड़ी देर के लिए रुके थे। इस दौरान प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री मो. आजम खान भी वहां पहुंचे और शंकराचार्य से लगभग आधे घंटे एकांत में गुफ्तगू किया।