अनिल सिंह (धर्मपथ)- केन्द्रीय मंत्री के नरेन्द्र सिंह तोमर की सहमति के बिना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी के उपर दिग्विजय सिंह द्वारा जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये थे उसके खंडन में बयान जारी कर दिये गये.ये बयान मीडिया प्रभारी हितेष बाजपेई द्वारा जारी करवाये गये थे.
लेकिन हंगामा होने का जब आभास हुआ तब तक बयान मीडीया तक जा चुका था.तुरंत इसे ना जारी करने के लिये निर्देश जारी किये गये.मजा तो यह की दोनो ही बयान लिखित में हैं.दरअसल भाजपा का यह बयान उन बयानो की कड़ी है जो मीडिया प्रभारी के विवेक से जारी किये जाते हैं लेकिन इस बार की स्थिति अलग है,व्यापम के हल्ले के चलते और मुख्यमंत्री को विपक्ष द्वारा हर तरफ से घेरा जाना प्रत्येक बयान को महत्वपूर्ण बनाता है ऐसी स्थिति में बिना जाने-समझे किसी भी नेता की तरफ से बयान जारी करना उस नेता के राजनीतिक भविष्य के लिये खतरनाक हो सकता है.खबर् यह भी आ रही है की नरेन्द्र सिंह तोमर के व्यक्तित्व का असर इस घोटाले के आरोपों को दबाने में लाने का निश्चय किया गया था,यह मामला शायद ज्यादा चर्चा में नहीं आता लेकिन उसे प्रकाशित होने से रोकना से ही सबकी निगाहें इस तरफ उठ गयीं.