नई दिल्ली, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने गृहमंत्रालय के अपने सहयोगी जी.के. द्विवेदी के निलंबन के मुद्दे पर मंगलवार को यहां केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। द्विवेदी को विवादास्पद धर्मोपदेशक जाकिर नाईक के एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस नवीकरण मामले में निलंबित कर दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों ने मंत्री से कहा कि इतने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से, जो मोदी सरकार की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को देख रहे हैं, नौकरशाही के ‘मनोबल’ पर असर पड़ेगा।
एक सितंबर को नाईक के एनजीओ को लाइसेंस जारी करने के मामले में गृह मंत्रालय के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। कहा जा रहा है कि राजनाथ ने नाराज होकर इन अधिकारियों को निलंबित किया था।
एक सूत्र ने बताया, “दिन में द्विवेदी ने अलग से गृहमंत्री से मुलाकात की और अपनी सफाई दी। राजनाथ सिंह के साथ हमारी बैठक सौहार्द्रपूर्ण थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि हमारे द्वारा उठाए गए मामले को वह देखेंगे।”
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि नाईक के एनजीओ ने 19 अगस्त को ऑनलाइन तरीका अपनाया था, जबकि उस दौरान नाईक के खिलाफ जांच चल रही थी।
नाईक का पीस टीवी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में तब आया, जब कथित रूप से इसके कट्टरपंथी विचारों के प्रचार-प्रसार के कारण एक जुलाई को ढाका में आतंकावादी हमला हुआ, जिसमें 22 लोग मारे गए थे।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, जाकिर नाईक पीस टीवी के जरिए कट्टरपंथी विचार फैला रहा है।
मंगलवार की मुलाकात में अधिकारियों ने कहा कि द्विवेदी को उनके कनिष्ठों की कथित गलती के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए। द्विवेदी गृहमंत्रालय में संयुक्त सचिव (विदेश प्रकोष्ठ) के पद पर कार्यरत थे।
पिछले हफ्ते भी कुछ अधिकारियों ने गृह सचिव राजीव महर्षि से मिलकर द्विवेदी के निलंबन के खिलाफ विरोध जताया था।