नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नागा अस्पताल प्राधिकरण कोहिमा (एनएचएके) में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा वित्तपोषित हेल्थकेयर लैबोरेट्री और रिसर्च सेंटर में अपने दौरे के दौरान पेरागोनिमियासिस रिसर्च लैब (पीआरएल) का उद्घाटन किया।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, पेरागोनिमियासिस एक खाद्य जनित परजीवी संक्रमण है, जो कि अधपके केकड़े और क्रेफिश खाने से होती है। यह नागालैंड में बड़ी समस्या है और टीबी क्लीनिक आने वाले करीब आधे मरीज असल में फेफड़ों के पेरागोनिमियासिस से ग्रस्त होते हैं।
हर्षवर्धन को नागालैंड में पेरागोनिमियासिस की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि नागालैंड में 40 से ज्यादा ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं। ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों से हैं। मंत्री ने शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से पेरागोनिमियासिस की समस्या का समाधान निकालें।
नागालैंड सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री पी. लोंगोन ने केंद्रीय मंत्री को यह जानकारी दी कि एनएचएके में डिपार्टमेंट ऑफ बायो-टेक्नोलॉजी हेल्थ लैबोरेट्री की स्थापना के बाद विभिन्न तरह के कुल 1,43,237 लैब टेस्ट अभी तक हो चुके हैं। बाद में उन्होंने केंद्रीय मंत्री से शोध संबंधी उद्देश्य के लिए राज्य में पशु गृह की सुविधा उपलब्ध कराने की अपील की, क्योंकि पूरे राज्य में इस तरह की सुविधा नहीं है।