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नारीवादी नृत्य के माध्यम से द्रौपदी को करेंगे जीवंत

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। दुनिया भर में समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अत्याचार के मद्देनजर, दिल्ली में इस सप्ताह कथकली और स्पेन के एक शास्त्रीय नृत्य फ्लामैंगको के सम्मिश्रण वाले बैले नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा।

परंपरागत केरल नृत्य-नाटक और फ्लामैंगको की तकनीक और सौदर्य में समन्वय स्थापित करने वाले इस एक घंटे के शो को द्रौपदी नाम दिया गया है और यह ‘महाभारत’ के एक एपिसोड की थीम पर आधारित है। मैड्रिड के निर्देशक सीजर लोरेंटे रैटन और उनकी टीम ने विचारों में तालमेल स्थापित करते हुए आधा दर्जन कलाकारों के साथ एक हमवतन बैले का निर्माण किया है जिसका शुक्रवार को शाम सात बजे केरल हाउस में मंचन किया जाएगा।

1 नवंबर से शुरू हुए दक्षिणी राज्य के स्थापना दिवस समारोह के तहत यहां केरल पर्यटन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में द्रौपदी की भूमिका में प्रसिद्ध स्पेनिश नर्तकी बेटिना कैस्टानो होंगी, जो पांच पाण्डव भाइयों की पत्नी हैं।

केरल के मंच कलाकार बीजूलाल एन. नारायण पिल्लै और बीजू कुमार गोपालन नायर भी इसमें शामिल होंगे। उनके साथ चेन्दा पर सुमेश गोपालन, मद्दलम पर राजीव नलिनक्षन तथा गिटार पर जुआन गोटन और जेसस गैरिडो होंगे। जबकि भारतीय पॉप स्टार सुनीता राव और गायक राधाकृष्णन नानू अपनी आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देंगे।

ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले और भारत के साथ लगभग एक दशक तक संबंध रखने वाले सीजर, 2004 से ही केरल पर्यटन के साथ कलात्मक सहयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “प्यार, नफरत, क्रोध सभी ऐसी भावनाएं हैं जो सभी में मौजूद होती है। महाभारत में ऐसी कई कहानियां हैं। मैंने महाभारत से एक प्रकरण लिया है जिपर मैंने कथकली में प्रदर्शन करते हुए देखा था और जिसका इस्तेमाल मैंने धरती के सभी भागों में महिलाओं के खिलाफ भीषण अपराधों और दुर्व्यवहारों के बारे में अपनी चिंता को व्यक्त करने के लिए किया।”

सीजर ने कहा कि व्यास की उत्कृष्ट कृति में द्रौपदी को एक वस्तु बना दिया गया जिसे उसके पति ने जुआ के दौरान दांव पर लगा दिया। सीजर ने कहा, “उसे बाद में सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। इससे यह पता चलता है कि 3,000 साल पहले भी महिलाओं के साथ वस्तुओं की तरह ही व्यवहार किया जाता था। मैंने इस कहानी को इसलिए चुना क्योंकि यह एक सार्वभौमिक विषय है, जिससे कोई भी खुद को संबद्ध कर सकता है।”

स्पेन से आये एक साथी रंगकर्मी ने सीजर को कथकली को एक समकालीन मोड़ देने का सुझाव दिया। वह कहते हैं, “मैंने कथकली को फ्लामेंगको के सम्मिश्रण के साथ मंच पर पेश करने से लगभग एक साल पहले इस विचार पर काम करना शुरू किया।”

नारीवादी नृत्य के माध्यम से द्रौपदी को करेंगे जीवंत Reviewed by on . नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। दुनिया भर में समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अत्याचार के मद्देनजर, दिल्ली में इस सप्ताह कथकली और स्पेन के एक शास्त्रीय नृत्य फ् नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। दुनिया भर में समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अत्याचार के मद्देनजर, दिल्ली में इस सप्ताह कथकली और स्पेन के एक शास्त्रीय नृत्य फ् Rating:
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