Friday , 3 May 2024

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नार्वे में जनसंहार के दोषी ने किया सरकार पर मुकदमा

ओस्लो, 2 जुलाई (आईएएनएस)। नार्वे में जनसंहार को अंजाम देने वाले एक सजायाफ्ता कैदी एंडर्स बेहरिंग ब्रीविक ने सरकार के खिलाफ अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर मुकदमा किया है। उसका कहना है कि उसे जेल में सबसे अलग-थलग रखकर मानसिक यातना दी जा रही है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, बेहरिंग के वकील ओयिस्टीन स्टोरविक ने कहा, “हमने इस संबंध में ओस्लो की जिला अदालत को कानूनी पत्र सौंपे हैं। मुकदमे की मुख्य वजह मेरे मुवक्किल को अलग-थलग रखा जाना है।”

स्टोरविक का कहना है कि उनके मुवक्किल बेहरिंग के साथ जेल में अमानवीय व्यवहार किया जाता है।

बेहरिंग को नार्वे में अति सुरक्षा वाली जेल में रखा गया है, जहां वह जेल के किसी दूसरे कैदी के साथ संपर्क नहीं कर सकता। उससे मिलने वालों पर भी नियंत्रण है।

स्टोरविक ने कहा, “मेरे मुवक्किल का संपर्क दुनिया के अन्य हिस्सों से काट दिया गया है। उसे मिलने वाले पत्रों पर भी नियंत्रण रखा जाता है।”

बेहरिंग के वकील ने हालांकि उसे अमानवीय परिस्थतियों में रखने का आरोप लगाया है, लेकिन नार्वे की सरकार का कहना है कि उसे यूरोपीय कानूनों के मुताबिक ही जेल में रखा गया है।

बेहरिंग (33) ने 22 जुलाई, 2011 को उटोया द्वीप पर अंधाधुंध गोलीबारी कर 69 लोगों को मार दिया था, जहां सत्तारूढ़ लेबर पार्टी के युवा सदस्य वार्षिक ग्रीष्मकालीन कैम्प के लिए एकत्र हुए थे।

ओस्लो की जिला अदालत ने वर्ष 2012 में उसे इस मामले में 21 साल कैद की सजा सुनाई थी।

गौरतबल है कि नार्वे के कानून में मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान नहीं है। यहां अधिकतम सजा 21 साल कैद की दी जा सकती है, जो बेहरिंग को दी गई है। हालांकि जिन कैदियों से समाज को खतरा हो सकता है, उन्हें अनिश्चितकाल तक जेल में रखे जाने का प्रावधान है।

नार्वे में जनसंहार के दोषी ने किया सरकार पर मुकदमा Reviewed by on . ओस्लो, 2 जुलाई (आईएएनएस)। नार्वे में जनसंहार को अंजाम देने वाले एक सजायाफ्ता कैदी एंडर्स बेहरिंग ब्रीविक ने सरकार के खिलाफ अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर ओस्लो, 2 जुलाई (आईएएनएस)। नार्वे में जनसंहार को अंजाम देने वाले एक सजायाफ्ता कैदी एंडर्स बेहरिंग ब्रीविक ने सरकार के खिलाफ अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर Rating:
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